मुंगेर : नवनिर्मित मुंगेर विश्वविद्यालय ने भारत के परमाणु ऊर्जा के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भाभा परमाणु ऊर्जा केन्द्र के विश्वश्रुत वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार सिन्हा का ‘परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारतवर्ष की भावी योजनाएं एवं समसामयिक उपलब्धि’ विषय पर विशष्ट व्याख्यान का आयोजन विज्ञान व्याख्यान माला में कर आज बिहार के उच्च शैक्षणिक संस्थान के रूप में कीर्तिमान को स्थापित किया।
विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा वैदिक मंगलाचरण द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्कृतविभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विश्वजीत विद्यालंकार ने करवाया। मुख्य अतिथि एवं वक्तारूप में पधारे प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार सिन्हा का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय ने किया एवं मुंगेर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया, कदाचार मुक्त परीक्षाओं का आयोजन एवं अपेक्षित समय पर परीक्षा परिणाम जैसे विश्वविद्यालयी उपलब्धि से अतिथि को परिचित कराया।
स्नातक एवं स्नातकोत्तर में प्रवेश हेतु छात्रों का मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रति अभिरुचि को बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों हेतु एक मील का पत्थर बताया। ऑनलाइन काउंसिलिंग द्वारा सुदूर स्थित महाविद्यालयों में भी छात्रों को उपलब्ध कराकर एक सम्पूर्ण शैक्षणिक वातावरण का निर्माण नवनिर्मित विश्वविद्यालय की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
अपने वक्तव्य में डॉ सिन्हा ने सर्वप्रथम मुंगेर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक प्रयासों में नवाचारों को बढ़ावा दिये जाने की प्रशंसा की एवं विज्ञान के युवा प्राध्यापकों को प्रोत्साहित करते हुए अपनी व्यक्तिगत एवं भारतीय परमाणु ऊर्जा केन्द्र के संघर्षमय प्रयासों एवं उससे मिली सफलता को प्रस्तुत किया। भी नवीन उपलब्धि विज्ञान के क्षेत्र में प्राप्त हो सकती है।
1974 में पोखरण परीक्षण के बाद वैश्विक प्रतिबंध के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने भारतवर्ष को परमाणु के क्षेत्र में सम्पन्नता प्रदान कर इतिहास रच दिया। यूरेनियम के सीमित होने के कारण थोरियम को विकल्प के रूप में विकसित करके वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार सिन्हा ने आज भारत देश को ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बना दिया है अपितु ऊर्जा का निर्यात भी किया जा रहा है।
सीमित संसाधनों में भी भारतीय वैज्ञानिकों के उपलब्धि को बताते हुए डॉ सिन्हा ने बताया कि कलपक्कम प्रयोगशाला में आये कुछ खामियों को दूर करने में फ्रांस के वैज्ञानिक भी असफल हो गए थे लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने अपनी खुद की तकनीक विकसित करके कलपक्कम रियक्टर को पुनः क्रियान्वित किया। कैगा 1 प्रयोगशाला में 962 दिन निरंतर चलने वाले रिएक्टर का विश्व रिकार्ड भारतीय वैज्ञानिकों के नाम है।
डॉ रतन कुमार सिंहा ने न्यूक्लियर आधारित ऊर्जा उत्पादन से उत्पन्न भयात्मक वातावरण को एक भ्रमित अवधारणा बताया। उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग एवं प्राकृतिक संसाधनों की सीमितता के वर्तमान दौर में न्यूक्लियर आधारित ऊर्जा उत्पादन को सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं सुरक्षित बताया।
मुंगेर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक प्रयत्नों से प्रभावित होकर आणविक ऊर्जा उत्पादन पर विश्वविद्यालय में आकर छात्रों से संवाद एवं उनके मार्गदर्शन हेतु अपनी मौखिक सहमति भी दी। भाभा ऑटोमेटिक सेंटर के वैज्ञानिक द्वारा विश्ववविद्यालय के विज्ञान संकाय के छात्रों को भविष्य में मार्गदर्शन मिलने के आश्वासन के लिए मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रंजीत कुमार वर्मा ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया तथा शीघ्रातिशीघ्र विश्वविद्यालय में विज्ञान के प्राध्यापकों द्वारा छात्रहित एवं राष्ट्रहित हेतु परमाणु ऊर्जा से सम्बंधित कार्यशाला आयोजित करने एवं युवा प्राध्यापकों को प्रयोगशाला में भरपूर सुविधाएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता बताई।
विश्वविद्यालय विज्ञान संकाय अध्यक्ष एवं आरडी एण्ड डी जे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गोपाल प्रसाद यादव ने अभ्यागत वैज्ञानिक रतन कुमार सिन्हा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा निरतंरता से सेमिनार आदि शैक्षणिक गतिविधियों से न केवल प्राध्यापक अपितु छात्रों में भी एक उत्साह का निर्माण होता है। विज्ञान में ऐसे विशिष्ट व्याख्यानों से प्राध्यापकों एवं छात्रों में शोध के प्रति एक सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। आर डी एण्ड डीजे महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को जीवंत बनाने हेतु अपेक्षित सभी प्रयास किया जाएगा ऐसा प्राचार्य ने बताया। व्याख्यान सत्र का संचालन डॉ विश्वजीत विद्यालंकार ने किया।
इस विज्ञान व्याख्यानमाला में विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालयों आरडी एण्ड डीजे, बी आर एम, जे आर एस, जे एम एस, कोशी आदि कॉलेजों के विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर गोपाल प्रसाद चौधरी, प्रो मयंक मधुकर, प्रो लव सिंह, प्रो सूरज कोनार आदि उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार बीके ठाकुर, एफएबीएन दास, डीएस डब्ल्यू प्रो राजकिशोर प्रसाद सिन्हा, नोडल अधिकारी प्रो अमर कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो जायसवाल, जे आर एस प्राचार्य एवं एन एस एस पदाधिकारी प्रो देवराज सुमन, कॉमर्स विभागाध्यक्ष प्रो सुनील कुमार गुप्ता , कला संकायाध्यक्ष डॉ मंजू कुमारी, समाजविज्ञान अध्यक्ष प्रो एपी सिन्हा भी इस व्याख्यान माला में उपस्थित थे। इनकी कार्यक्रम के संयोजन में वाणिज्य विभाग के प्रो मुनीन्द्र कुमार सिंह, प्रो अनीस अहमद की की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने बहुत ही व्यवस्थित ढंग से कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। आयोजन समिति में NSS के छात्र अमन, सौरभ, उदय, धीरेन्द्र राहुल एवं स्वागत में विश्वविद्यालय की NCC टीम का विशेष योगदान रहा।