अयोध्या मठ चिरांद में विधायक चोकर बाबा की सेवा भक्ति ने जीता दिल
सारण : चिरांद के अयोध्या मठ में मंगलवार के दिन सब तरफ मंगल ही मंगल का नजारा दिखा। गंगा—सरयू और सोन नदियों के इस संगम स्थल पर जब पूरे भारत के प्रमुख तीर्थों के महंत, संत व महामंडलेश्वर का समागम हुआ, तो वहां ज्ञान व भक्ति की धारा प्रावाहित होने लगी। इस धर्मसभा में अयोध्या मठ चिरांद के महंत व सरवराहकार के रूप में श्री लक्ष्मण किला अयोध्या के महंत मैथिलीरमण शरण जी महाराज का पट्टाभिषेक होने के बाद भंडारा का कार्यक्रम शुरू हुआ।
इस समारोह में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से विख्यात लोग एकत्रित हुए। इस दौरान संतों के साथ ही भक्तों का जूठा पतल उठा रहे विधायक शत्रुध्न तिवारी उपाख्या चोकर बाबा ने सबका दिल जीत लिया। बिना किसी को बताए वे जूठन साफ करते जा रहे थे। जब आयोजक की दृष्टि उन पर पड़ी तो उन्हें ऐसा करने से रोकने का प्रयास किया गया। आयोजकों के मना करने के बाद भी वे ऐसा करते रहे।
ज्ञात हो कि अयोध्या, काशी, प्रयाग, चित्रकूट जैसे स्थानों से आये धर्माचार्यों-सन्तों एवं हजारों नागरिक जनों की उपस्थिति में यह आयोजन हुआ था। मठ के महंत श्री महावीरशरणजी के देहावसान के बाद उनका पद रिक्त हो गया था। दिवंगत महंत के संस्कार के उपरांन्त चल रहे पारम्परिक नौ दिवसीय आयोजन का विश्राम दिवस था। इस अवसर पर धर्मसभा का आयोजन किया गया था।
सन्त-समागम की अध्यक्षता करते हुये रसिक पीठाधीश्वर श्रीजनमेजयशरण जी महाराज ने कहा कि अयोध्या मठ रसिकों की मूल गद्दी है। चिरान्द पौराणिक महत्त्व का स्थान है। धर्मसभा के मुख्य अतिथि जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी महाराज विद्याभास्कर ने कहा कि प्रयाग में तीन नदियों का संगम है किन्तु सरस्वती लुप्त हैं जबकि चिरान्द में गंगा-सरयू-सोन तीनों विद्यमान हैं। इस स्थान पर कल्पवास या कुम्भ जैसा आयोजन होना चाहिए।