मैथिलीरमण शरण जी बने अयोध्या मठ चिरांद के नये महंत

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डोरीगंज : चिरांद के निकट गंगा—सोन और सरयू नदियों के संगम पर स्थित रसिकोपासना के प्रसिद्धपीठ अयोध्या मठ के महंत व सरवराहकार के रूप में श्री लक्ष्मण किला अयोध्या के महंत मैथिलीरमण शरण जी महाराज का पट्टाभिषेक आज मंगलवार को देश के अनेक प्रान्तों से पधारे संतों की उपस्थिति में किया गया। इस मौके पर संत समागम में स्थानीय लोगों की अपार भीड़ उमड़ी। मठ के महंत श्री महावीरशरण जी के देहावसान के बाद महंत का पद रिक्त हो गया था।

देश के विभिन्न प्रांतों से पहुंचे संत—महंत

आज दिवंगत महंत  के देहावसान के बाद वहां चल रहे पारम्परिक नौ दिवसीय आयोजन का आज विश्राम दिवस था। गत कई दिनों से आश्रम देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे अनेक सन्तों-महंतों से गुलजार हो रहा था। प्रातःकाल से ही मठ में विशिष्ट लोगों के आने का क्रम प्रारम्भ हो गया जो देर रात तक जारी रहा।

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संत समागम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

दोपहर में आयोजित सन्त-समागम की अध्यक्षता करते हुये रसिक पीठाधीश्वर श्री जनमेजयशरण जी महाराज ने कहा कि अयोध्या मठ रसिकों की मूल गद्दी है। चिरांद पौराणिक महत्त्व का स्थान है। यहाँ रसिक पीठ की गद्‌दी का होना सोने में सुहागा जैसा है। आयोजन के मुख्य अतिथि जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी महाराज विद्याभास्कर ने कहा कि सभी रसों से तृप्ति और अरुचि हो सकती है। किन्तु रामरस नित्य प्रिय लगता है क्योंकि भगवान् रसिक शिरोमणि हैं। प्रयाग में तीन नदियों का संगम है, किन्तु सरस्वती लुप्त हैं। जबकि चिरांद में गंगा-सरयू-सोन तीनों विद्यमान हैं।
अयोध्या से आये महंथ श्री राजकुमारदास जी ने कहा कि हम सब आचार्यपीठ के अनुगत हैं और नित्य इसकी उन्नति चाहते हैं। बक्सर के महंथ श्री राजारामशरण जी ने कहा कि श्री मैथिलीरमण शरण जी के महंथ बनने से इस स्थान का और भी विकास होगा।

चिरांद विकास परिषद के अध्यक्ष कृष्णकान्त ओझा ने कहा कि इस संगम स्थल के आध्यात्मिक गौरव की पुनर्प्रतिष्ठा में अयोध्या मठ की महती भूमिका है। इस अवसर पर अयोध्या के महान्त सियाशरण जी, महंथ करुणानिधान शरण, महंथ अवध विहारीदास, महंथ मिथिला बिहारीदास, महंथ अञ्जनीशरण जी, महंथ जनकदुलारी शरण, श्री कृष्णगिरि नागाबाबा, डोरीगंज मठिया के महंथ दिनेशदास जी, भाजपा जिलाध्यक्ष छपरा रामदयाल शर्मा, पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, पूर्व विधायक ज्ञानचन्द माँझी, अमनौर विधायक चोकर बाबा, मुरलीमनोहर तिवारी, जमादार परशुराम, मोहन पासवान, विजय राय, रघुनाथ सिंह, रासेश्वर सिंह, भानुसिंह, हरिद्वार सिंह, बब्लू सिंह, सुरेन्द्र पासवान, गिरजन माझी, शंकर पासवान, रामकुमार मिश्र, मण्टू सिंह, मृत्युञ्जय सिंह आदि उपस्थित रहे।

इस मौके पर सैकड़ों लोगों ने चादर और माला पहनाकर नवनियुक्त महंथ जी का अभिनन्दन किया। इसके पश्चात् भण्डारे का प्रारम्भ हुआ। समाचार लिखे जाने तक प्रसाद पाने वालों का अनवरत क्रम चल रहा था। आयोजन के संयोजक आचार्य मिथिलेश नन्दिनीशरण जी ने बताया कि चिरांद ग्राम में हमारे आचार्य पीठ की अवस्थिति हमारे लिए इस स्थान को तीर्थ का दर्जा दे देती है। हमारी इच्छा है कि भण्डारे में अधिकाधिक लोग प्रसाद ग्रहण करें। नव नियुक्त महंथ जी ने स्थान के संचालन हेत सीतावल्लभशरण जी का नाम अधिकारी के लिये घोषित किया गया।

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