…तो अब कांग्रेस का मैनेजमेंट देखेगे पीके!

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नयी दिल्ली/पटना : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब कांग्रेस का मैनेजमेंट संभालेंगे! इस बात की चर्चा राजनीतिक गलियारे में जमकर होने लगी है। उनकी बातें कांग्रेस के सीनियर लीडरों से लगातार होती रही हैं। अकबर अहमद और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनकी वार्ता हो चुकी है। कुछ शर्तों को लेकर वे अभी चुप हैं। पर, संभव है कि प्रशांत किशोर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से रणनीति बनाने लगेंगे।

पीके के करीबी सूत्रों ने बताया कि वे अपना धर्मनिरपेक्ष चेहरा इसलिए भी छोड़ना नहीं चाहते कि उनका देशव्यापी इलेक्शन मैनेजमेंट प्रभावित हो जाता। दूसरे यह कि उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि प्रभावित हो जाती। इसीलिए उन्होंने नीतीश कुमार का साथ लिया भी।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने ही उन्हें नीतीश कुमार के पास भेजा कि उनका भगवा रंग-मिजाज बदल दें। पर, बीजेपी-जदयू के विनींग काम्बिनेशन को देखते हुए दिग्गज नीतीश हिले-डुले भी नहीं। उधर पीके सीएए, एनआरसी तथा अन्य नाजुक मसलों पर पार्टी लाइन से हट कर बयान देते रहे।

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कांग्रेस के इशारे पर एनआरसी, सीएए पर बोलते रहे

सूत्र बताते हैं कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस एनआरसी और सीएए के खिलाफ आक्रामक होती रहेगी जिससे उसका अल्पसंख्यक वोटबैंक टैंक में बदलता रहे। महागठबंधन के साथ होने की स्थिति में चुनावी खेल रोमांचक भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में पीके ने एक बड़ी चाल चलते हुए जदयू में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस के स्वर में आलाप जारी रखा। सूत्र तो यहां तक कहते हैं कि पीके नीतीश कुमार को भी भाजपा गठबंधन से अलग होने कें लिए समझाते रहे। पर, नीतीश कुमार उनकी पैंतरेबाजी को समझते हुए चुप्पी साधे रहे।

नीतीश खुद बिहार के ब्रांड एम्बेसडर

जदयू के सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार को किसी ब्रांड एम्बेसडर की जरूरत थी ही नहीं। बिहार में विकास और विधि व्यवस्था को लेकर वे खुद बिहार के मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि ब्रांड एम्बेसडर भी हैं। उनकी यात्रर की छवि में भी विकास की ही गाथा होती है।

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