नयी दिल्ली : CAA पर कांग्रेस में ही फूट पड़ गई है। पहले कपिल सिब्बल और अब वरिष्ठ कांग्रेसी सलमान खुर्शीद ने नागरिकता कानून पर पार्टी से अलग लाइन ले ली है। कानून के गहरे एक्सपर्ट इन दोनों कांग्रेस नेताओं—कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने कहा है कि संवैधानिक रूप से राज्यों के लिए इस कानून को न मानना मुश्किल होगा। ऐसे में CAA का विरोध करना गैरजरूरी है।
दोनों नेताओं ने कहा कि संवैधानिक रूप से भारत के किसी भी राज्य सरकार के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि हम संसद द्वारा पारित कानून का पालन नहीं करेंगे। यदि सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है तो यह क़ानून की किताब में बना रहेगा। अगर कुछ क़ानून की किताब में है तो आपको कानून का पालन करना पड़ेगा। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो इसके अलग नतीजे हो सकते हैं।
विदित हो कि 10 जनवरी से भारत में नागरिकता कानून लागू हो चुका है। कांग्रेस और अन्य गैर बीजेपी शासित राज्यों ने अपने यहां CAA को लागू करने से इनकार कर दिया है। यही नहीं, केरल सरकार ने तो सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने CAA के साथ ही NRC और NPR का विरोध किया है। लेकिन कांग्रेस के इन दो वरिष्ठ नेताओं द्वारा CAA पर अलग लाइन लिये जाने के कारण पार्टी असमंजस में पड़ गई है।