स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर गंभीर आरोप, जानिए क्या?
पटना : ‘मेरा चिरहरण हुआ है। मेरी नौकरी रहे या नहीं रहे। अपना सम्मान वापस पाने के लिए मैं अंत तक लड़ूंगा। इस लड़ाई में अगर मेरे साथ कुछ होता है तो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार जी जिम्मेदार होंगे’। ऊक्त बातें आज आईएमए कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर एवं मनोचिकित्सक डा. नरेंद्र प्रताप सिंह ने कही।
मैं क्या पहनूं? दिनचर्या क्या हो? वे तय करेंगे? : डा. नरेंद्र प्रताप
वरिष्ठ आईएएस एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 19 सितंबर को वह उनसे मिलने उनके कार्यलय गए थे। मेरे शर्ट का ऊपर वाला बटन खुला हुआ था। इस चीज़ को देख कर वह भड़क गए। उसके बाद उन्होंने मुझे अपशब्द कहा। मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई। आगे उन्होंने बताया कि यह मेरे मान सम्मान और निजता पर तमाचा जड़ने जैसा है।
मैं इससे काफी व्यथित हूं और जानता हूं कि यह पूरी लड़ाई मुझे अकेले ही लड़नी है। राज्य सरकार से अपील करते हुए नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वह मेरा खोया हुआ सम्मान मुझे वापस दिलाए। बिना देरी किये स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव को बर्खास्त करे। ऐसे लोग बिहार सरकार को बदनाम कर रहे हैं। हम सरकार के नौकर हैं, प्रधान सचिव के नहीं।
उन्होंने पीएमसीएच के डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी झोलाछाप डॉक्टर प्रधान सचिव के साथ मिले हुए हैं। अगर इस घटना पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो मैं मानहानि का दावा करूंगा। साथ ही मानवाधिकार आयोज में भी जाऊंगा। अपनी बात खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि पीएमसीएच के कुछ लोग मेरे ऊपर दबाव बना रहे हैं कि मैं इस बात को भूल जाऊं।
वहीं इस मामले पर जब प्रधान सचिव के कार्यालय से जब संपर्क किया गया तो वहां से इसपर कोई जवाब नहीं आया।