पटना : जदयू अध्यक्ष और बिहार सीएम नीतीश कुमार अपने ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के इंद्रजाल में फंस गए हैं। प्रशांत लगातार पार्टी स्टैंड कों खुलेआम चुनौती दे रहे हैं जबकि नीतीश कुमार बेबस होकर हास्यास्पद हालात को झेलने पर मजबूर हैं। पीके ने अपने ताजा मुहिम में आज ट्वीट के जरिये CAA और NRC का विरोध करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की जमकर प्रशंसा की। पीके का यह कदम अपने नेता नीतीश कुमार के लिए खुली चुनौती के साथ ही एनडीए में उनकी स्थिति को हास्यास्पद बनाने वाला भी है। पीके ने ट्वीट में CAA का भी विरोध किया है। जबकि, जेडीयू ने CAA का संसद में समर्थन किया था।
राहुल-प्रियंका की खुलकर की प्रशंसा
प्रशांत किशोर ने आज के अपने ट्वीट में लिखा कि वे कांग्रेस नेतृत्व को सीएए व एनआरसी का विरोध करने के लिए धन्यवाद देते हैं। खासकर प्रियंका गांधी को इसके लिए विशेष धन्यवाद देते हैं। ट्वीट में उन्होंने बिहार के लोगों को आश्वासन भी दिया कि राज्य में सीएए व एनआरसी लागू नहीं होगा।
एनडीए में जदयू के स्टैंड को पीके का ताजा मूव पूरी तरह खारिज करता है। यही नहीं यह केंद्र की एनडीए सरकार के स्टैंड के भी खिलाफ है। इधर बिहार में भाजपा के प्रमुख नेताओं द्वारा सीएए व एनआरसी के पक्ष में सभाएं कर आम जनता के भ्रम को दूर करने का कार्यक्रम चल रहा है। इसी सिलसिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी बिहार आने वाले हैं। अब ऐसे में प्रशांत किशोर के ताजा बयान ने नीतीश कुमार की स्थिति को जदयू के भीतर ही हास्यास्पद बना दिया है।
एनडीए में भ्रम साफ करें, या बाहर का रास्ता लें
साफ है कि अब या तो पीके को उनकी हद बताने पर नीतीश कुमार मजबूर होंगे, या फिर उनके स्टैंड को ही अपना स्टैंड बता एनडीए से बाहर का रास्ता लेंगे। क्योंकि पीके यदि निजी तौर पर ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं, तब यह नीतीश के निजाम को खुली चुनौती की तरह ही है। और यदि नीतीश की सहमति से पीके ऐसा कर रहे हैं, तब इसे शीट शेयरिंग के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर माना जा सकता है। लेकिन इसके लिए जो टाइमिंग और परिस्थितियां पीके ने चुनी वह सीमा से थोड़ा ज्यादा हो गया दिखता है। अब देखना है कि नीतीश कुमार अपने इस चहेते के ताजा मूव पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।