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दरभंगा बिहार अपडेट

11 जनवरी : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

कुलपति करेंगे विश्वविद्यालय के दर्पण का लोकार्पण

दरभंगा : 12 जनवरी को अपराह्न सवा बारह बजे विवेकानंद जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में विश्वविद्यालय दर्पण के सातवें अंक का लोकार्पण कुलपति प्रो सुरेन्द्र कुमार सिंह के कर कमलों द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षक, पत्रकार, एवं छात्र छात्राओं को आमंत्रित किया गया है।

व्हाट विल आई डू टू इम्प्रूव माईसेल्फ इन 2020  पर हुआ संवाद

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति के मार्गदर्शन में चल रहे छात्रों के स्वविकास हेतु संवाद कार्यक्रम में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय आज नए आए छात्रों से पुनः ‘‘व्हाट विल आई डू टू इम्प्रूव माईसेल्फ इन 2020‘‘ विषय पर संवाद किया। इस क्रम में उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होना चाहिए। आप जो भी अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हों आपका मन बिल्कुल उस पर टिका होना चाहिए। समय-समय पर सोशल एक्टीवीटी भी करना चाहिए।

आज के संवाद में 15 छात्रों ने भाग लिया। संवाद में बेहतर प्रदर्शन का अभाव रहा जिससे कोई भी छात्र पुरस्कार नहीं पा सके।

दो दिवसीय नैक कार्यशाला संपन्न

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में राजभवन के निर्देश के आलोक में दो दिवसीय नैक कार्यशाला के आज अंतिम दिन नैक ग्रेडिंग को लेकर राज्य के सारे विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।

आज शनिवार को पहले सत्र में नैक फाॅर्मेट से संबंधित सूचना संप्रेषण तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया तथा नैक से संबंधित छोटी-छोटी जानकारियां आधार संसाधन पुरूष प्रो0 प्रतोष बंसल एवं प्रो0 शफीक अंसारी के द्वारा दिया गया। प्रतिभागियों के संशय का निराकरण बड़ी सहजता से संसाधन पुरूष के द्वारा किया जाता रहा। पहले सत्र में ही सूचना संप्रेषण तकनीक से संबंधित प्रतिभागियों को समूहों में विभाजित कर प्रस्तुतिकरण का अवसर दिया गया साथ ही तथ्य वैधता की जाँच के तरीकों का भी प्रशिक्षण दिया गया और अंत में सभी प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया।

दूसरे सत्र में एवं समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहें प्रतिकुलपति प्रो0 जय गोपाल ने विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये हुए प्रतिभागियों के प्रति विश्वविद्यालय की ओर अभार व्यक्त किया एवं कहा कि आप इस कार्यशाला में अपने-अपने विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के रूप में भाग ले रहें है तथा आगामी होनेवाले नैक मूल्यांकन में आपका किरदार विश्वविद्यालय के प्रति अहम होगा। प्रो. जयगोपाल ने कहा कि मेरे चालिस वर्षों के शिक्षण अनुभव में आप जैसे युवा शिक्षक के प्रति सप्रेम आदर है कि आप के जिम्मे विश्वविद्यालय ने एक अहम जिम्मेदारी दी दी है जिसे आप अपने सहपाठियों के साथ यहाॅ बताये हुए प्रस्तुतिकरण आपस में विमर्श कर एक देसरे को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस युग में जहाँ शिक्षा का स्तर काफी उच्चतर हो रहा वहीं नैक मूल्यांकन पद्वति शिक्षा के गुणवत्ता को परखने एवं उसके मापदंड को सही करने का इस पैमाना है जिसे आप जैसे युवा शिक्षकों को ही बेहतर बनाना है।

उन्होंने एस.एस.आर. पर विस्तारपूर्वक कहा कि आपका इस रिर्पोट पर ही आपके विश्वविद्यालय के अन्र्तगत ही विभिन्न महाविद्यालयों के क्रियाकलाप की सूची निर्भर करती है कि नैक के पैरामिटर के अनुसार कितना बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है महामहिम द्वारा हमें आपसबों से इस नैक कार्यशाला के द्वारा एक दूसरे के बिचारों एवं सहयोग की भावनाओं को समझने का मौका मिला।

अंत मे उन्होंने आये हुए प्रतिभागियों से कहा कि प्रतिभागी अपने-अपने विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण का दायित्व निर्वहन करेंगे और वहां अधिक से अधिक महाविद्यालय नैक के मानदंड पर अपने आप को तैयार करेंगे। दूसरे सत्र में ही कार्यशाल से संबंधीत अपने फिडबैक देते हुए डाॅ0 रेनु सिंह, बी0एन0 मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, डाॅ0 रनविजय सिंह, मुंगेर विश्वविद्यालय तथा रौशन कुमार, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने अपने उद्घोषण में इस कार्यशाला से संतुष्ट होते हुए कहा कि वे अपने-अपने विश्वविद्यालयों में विभिन्न महाविद्यालयों को प्रशिक्षण देकर नैक प्रक्रिया को उपयोग में लाएंगे तथा यह कार्यशाला हम सभी के लिए तभी लाभदायक होगा जब इस कार्यशाला की मूल्यता अपने सहपाठियों के बाॅट सकेंगे।

कार्यशाला में आए प्रतिभागीयों ने यहां की व्यवस्था एवं शिक्षण पद्धति को बहुत सराहा तथा विश्वविद्यालय के एतिहासिक परिसर की सून्दरता की भी चर्चा की। समापन सत्र में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने कहा कि ये हम सभी के लिए गौरव की बात तभी होगी जब इस कार्यशाला का लाभ बिहार के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को मिलेगा। उन्होंने विश्वासपूर्ण कहा कि मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप सभी प्रतिभागियों से निश्चित रूप से बिहार को शैक्षणिक रूप से लाभ मिलागा। कार्यक्रम के अंत मे प्रतिभागियों के प्रमाणपत्र भी अध्यक्ष के द्वारा दिया गया। दो दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम से संबंधित प्रतिवेदन आई0क्यू0ए0सी0 समन्वयक, डाॅ0 शिशिर कुमार वर्मा के द्वारा प्रस्तुत किया गया एवं  कार्यशाल मे धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 बी0बी0एल0 दास के द्वारा जबकि मंच का संचालन डाॅ0 दिवाकर झा के द्वारा किया गया।

राष्ट्र निर्माण में स्वामी विवेकानंद का योगदान विषय पर परिचर्चा

दरभंगा : स्वामी विवेकानंद विश्व के उन महापुरुषों में शामिल हैं, जिन्होंने विश्व को सकारात्मक रूप से बदलने का काम किया। स्वामी जी भारतीय धर्म-संस्कृति के वाहक संत थे। उन्हें किसी धर्म-संप्रदाय के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। मानवतावादी विवेकानंद हमारे आदर्श प्रकाशस्तंभ हैं, जिन्होंने भारतीय धर्म- संस्कृति को तर्कपूर्ण ढंग से विश्वपटल पर स्थापित किया। उक्त बातें सी एम कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई तथा महाविद्यालय छात्रसंघ के संयुक्त तत्वावधान स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर “राष्ट्र- निर्माण में स्वामी विवेकानंद का योगदान” विषयक परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा।उन्होंने कहा कि आज स्वामी जी को पढ़ने-पढाने,चिंतन-मनन करने की जरूरत है और उनके बताए मूल्यों को जीवन में उतारने की जरूरत है।

मुख्य वक्ता के रूप में डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि युगद्रष्टा स्वामी विवेकानंद हमारे प्रेरणास्रोत हैं।वे भारतीय नवजागरण के अग्रदूत माने जाते हैं।वे एक साथ दार्शनिक, समाजसुधारक तथा राष्ट्रभक्त संत थे।उन्होंने अपनी सूझबूझ तथा तर्कशक्ति से संकटग्रस्त भारतीय धर्म-संस्कृति को नई दिशा दशा प्रदान किया।

राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ आशीष वरियार ने कहा कि स्वामी जी धार्मिक दृष्टि से लचीले और समदर्शी थे।आज उनके दर्शन की प्रासंगिकता अधिक बढ़ गई है।स्वामी जी ने भारतीय वेदांत को पुनर्स्थापित किया।प्रोफेसर मंजू राय ने ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है।

उनके बताए आदर्शो को जीवन में अपनाकर ही हम समाज का कल्याण कर सकते हैं।डॉ संजीत कुमार झा ने कहा कि अलौकिक प्रतिभा के धनी विवेकानंद का व्यक्तित्व महान था।वे एक सांस्कृतिक पुरुष थे,जिनके चरित्र को अपनाने से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है।डॉ प्रीति कनोडिया ने कहा कि स्वामी जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था,जो हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में राहुल प्रियदर्शी-प्रथम,विक्रम चौधरी- द्वितीय तथा आशीष कुमार ठाकुर एवं खुल्द महफूज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम डॉ एकता श्रीवास्तव,प्रो अभिलाषा कुमारी,डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव, डॉ आलोक रंजन,दिनेश कुमार,आतिका बद्र, शशिकांत सिंह यादव, जयकांत यादव,दीपक कुमार,राकेश प्रतिहस्त,हरि शर्मा,राहुल प्रियदर्शी,उत्कर्ष मिश्रा,रोशनी कुमारी,नीरज कुमार,कवि शंकर कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया, जबकि  कार्यक्रम का प्रारंभ  प्रधानाचार्य के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र तथा मेडल प्रदान कर हौसला अफजाई की गई। छात्रसंघ के प्रतिनिधि सुधांशु कुमार रवि के संचालन में आयोजित परिचर्चा में आगत अतिथियों का स्वागत हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो अखिलेश राठौर ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस पदाधिकारी डॉ प्रीति त्रिपाठी ने किया।

8 जनवरी से लिया जाएगा फॉर्म

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय ने आचार्य प्रथम सेमेस्टर 2019-21 सत्र में पंजीयन कराने की तिथि घोषित कर दी है। इसके लिए छात्रों को करीब 13 दिनों का समय दिया गया है।

आचार्य प्रथम सेमेस्टर 2019-21 के छात्र आठ से 12 जनवरी तक निर्दण्ड तथा 13 से 16 तक सामान्य दंड के साथ पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि जो छात्र इस अवधि तक पंजीयन फॉर्म जमा नहीं कर पाएंगे उन्हें चिंता करने की जरुरत नहीं है। ऐसे छात्र 17 से 20 जनवरी तक विशेष दंड के साथ आवेदन कर सकते हैं। इस आशय से सम्बंधित सूचना परीक्षा नियंत्रक डॉ विनय कुमार मिश्र ने जारी कर दी है। वहीं,आवश्यक कार्य के लिए इसकी सूचना सभी विभागाध्यक्षों, राजकीय संस्कृत कालेज, पटना के साथ-साथ राजकीय संस्कृत कालेज, भागलपुर एवम धर्म समाज संस्कृत कालेज, मुजफ्फरपुर के प्रधानाचार्यो को भी दे दी गयी है।

संस्कृत विश्वविद्यालय में 12 को होगी सिंडिकेट की बैठक

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की बैठक अब 13 के बदले 12 जनवरी को आयोजित की जाएगी। ऐसा विधान मंडल की एकदिवसीय बैठक के कारण करना पड़ा है। नई व्यवस्था के अनुसार बैठक कुलपति कार्यालय कक्ष में दस बजे शुरू होगी । वहीं सीनेट की स्थगित बैठक पुनः दरबार हाल में 18 जनवरी के पूर्वाह्न 11.30 बजे से होगी। इसके कार्यक्रम में कोई फेरबदल नही किया गया है।वहीं, मान्य सदस्यों को दोनों बैठकों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि अभिषद यानी सिंडिकेट के लिए फिलहाल मूल रूप से दस एजेंडे तैयार किये गए हैं जिसमें गत बैठक की कार्यवाही की सम्पुष्टि पर विचार समेत वित्त समिति,सम्बन्धन समिति, विद्वत परिषद में लिये गए निर्णय पर विचार शामिल हैं। इसके अलावा 2020-21 वर्षीय आय-व्ययक एवम 2019-20 के संशोधित बजट की स्वीकृति समेत अधिषद यानी सीनेट की बैठक में उपस्थापित होने वाले प्रस्तावों के उपस्थापकों के निर्धारण पर भी विचार किया जाएगा। 2018-19 वर्षीय वार्षिक प्रतिवेदन पर विचार भी एजेंडे में है। वहीं सीसीडीसी प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि दोनों बैठकों से सम्बंधित अधिसूचना जारी कर दी गयी है और इस निमित्त तैयारी जोरों से चल रही है।

स्वामी विवेकानंद की जयंती पूर्व संगोष्ठी का आयोजन

दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सीएम. साइंस महाविद्यालय इकाई द्वारा 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जयंती के पूर्व बेला पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय है, ” राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका”  इस कार्यक्रम का विधिवत संचालन सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर सामुहिक रूप से किया उद्घाटनकर्ता के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रेम कुमार प्रसाद, जिला प्रमुख डॉ बिनोदानंद झा, बिभाग संगठन मंत्री हेमंत मिश्रा, विभाग संयोजक सुमित मिश्रा ,जिला संयोजक मणिकांत ठाकुर, नगर मंत्री ब्रिजमोहन सिंह, प्रान्त सह छात्रा प्रमुख पूजा झा ने सामूहिक रूप से किया।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख डॉ विनोदानंद झा ने कहा कि युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। आप लोग ही देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा ही देश का वर्तमान तथा भूत और भविष्य के मध्य सेतु भी हैं। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वाकांक्षा से भरे हुए होते हैं उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी सपने होते हैं, समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रेम कुमार प्रसाद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी भारत ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व को एक दिशा देने का कार्य किया , भारत युवाओ का देश है ,और युवा पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि भारत का पुनर्निर्माण कैसे होगा ,इसकी जिम्मेदारी हमे स्वयं आगे बढ़कर लेनी होगी सम्पूर्ण भारत को पुनः समृद्ध बनाने की शपथ लेने की आवश्यकता है।

वही विश्वविद्यालय संगठन मंत्री हेमंत मिश्रा ने कहा कि कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका अहम होती है। क्योंकि युवा अवस्था में हम बहुत ही उच्च स्तरीय ढंग से सोचते हैं। साथ कठिन से कठिन कार्य को बड़ी आसानी से अंजाम दे सकते हैं। हमारे अंदर सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति व्याप्त है बस आवश्यकता है उसे पहचानने की।

वहीं विभाग संयोजक सुमित सिंह ने कहा कि हम युवाओ के आदर्श स्वामी विवेकानंद जी न केवल भारत का विश्व मे प्रतिनिधित्व किये बल्कि पूरे विश्व का धार्मिक मुकुट भारत को बनाया ,जब हम भारत को युवा का देश के रूप देखते है तो यह हमारी जिम्मेदारी बन जाती है ,की भारत के युवाओं कैसे अपने समाज व राष्ट्र के निर्माण में अग्रणी भूमिका सुनिश्चित कर सके, स्वामी जी का सपना रास्ट्रीय पुनर्निर्माण बिना छात्र शक्ति के संभव नही है, हम युवा को स्वामी जी से प्रेरणा लेते हुए यह संकल्प लेना होगा पुनः अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भारत कैसे विश्वगुरु बनेगा यह सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।

जिला संयोजक मणिकांत ठाकुर कहा कि यह संगठन छात्रों से प्रारंभ हो, छात्रों की समस्याओं के निवारण हेतु एक एकत्रित छात्र शक्ति का परिचायक है। विद्यार्थी परिषद् के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है। विद्यार्थी परिषद् का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।स्थापना काल से ही  संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने छात्र-हित से लेकर भारत के व्यापक हित से सम्बद्ध समस्याओं की ओर बार-बार ध्यान दिलाया है। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद् समय-समय पर आन्दोलन चलाता रहा है। बांग्लादेश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद् ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था।

प्रान्त सह छात्रा प्रमुख पूजा झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र कल का नहीं आज का नागरिक हैं।वह केवल शैक्षणिक जगत का घटक ही नहीं वरन् देश का एक जिम्मेदार नागरिक भी है।परिषद का यह मानना है कि हमारी नई पीढ़ी को देश के गौरव पूर्ण इतिहास का स्पष्ट ज्ञान होना आवश्यक है जिससे उनका सभी देशवासियों से अपने आपन का ऐसा नाता बने कि उनके दुख की अनुभवी से अपनी मजबूती जनों को दुनियाभर का ज्ञान समझते हुए भारत को एक आधुनिक परंतु अपनी विशिष्ट पहचान को सुनियोजित हुए महान देश बनाने का सपना हमारी नई पीढ़ी देखेगी।

नगर मंत्री ब्रिजमोहन सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विवेकानंद जी के आदर्शों पर कार्य करते हुए सदैव राष्ट्रहित में कार्य कर रही है, महाविद्यालय परिसर से युवाओ में राष्ट्रभाव की चेतना जागृत करने व राष्ट्रीय पुनर्निर्माण को लेकर कार्य कर रही है ।

इस कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय अध्यक्ष यश जुमनानी ने किया। वही धन्यवाद ज्ञापन छात्र संघ निवर्तमान महासचिव सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उत्सव पराशर ने किया।

इस कार्यक्रम में आदित्य झा माधव, राकेश साह स्वर्णकार, उज्ज्वल आनंद, श्रीकांत कुमार, बीरेंद्र कुमार, विकाश झा, पूजा कुमारी, अनुपम आनंद, राघव आचार्य ,मंजय कुमार, अमन कुमार झा ,अविनाश कुमार झा, वीरेंद्र कुमार ,स्वाति कुमारी, जयंती कुमारी ,भावना कुमारी, मनीषा कुमारी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मुरारी ठाकुर