पटना : मगध विवि के स्नातक तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में भाग लेने के लिए एडमिट कार्ड जारी नहीं किये जाने से नाराज सर गणेश दत्त कॉलेज के छात्रों ने राजधानी पटना के आरपीएस मोड़ पर जम कर उत्पात मचाया। संतजेवियर कॉलेज से भी छात्रों के तोड़फोड़ की खबर आ रही है। इधर गया में भी छात्रों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए बस में आग लगा दी और जम कर तोड़-फोड़ की। छात्रों ने बताया कि एक अक्टूबर से परीक्षा होनी है लेकिन अभी तक एडमिट कार्ड नहीं मिला। परीक्षा न दे पाने से हमारा एक साल बेकार हो जायेगा।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों के प्रदर्शन के कारण बेली रोड पर यातायात बाधित हो गया। प्रदर्शन के दौरान जाम हटाने को लेकर असामाजिक तत्व ने फायरिंग कर दी। इससे कुछ देर के लिए छात्र तितर-बितर तो हो गये पर कुछ ही देर बाद वे और उग्र हो गए। बेली रोड़ पर परिचालन पूरी तरह ठप हो गया है। मौके पर चार थानों की पुलिस कैंप कर रही है।
पटना, गया, नवादा समेत कई जिलों में प्रदर्शन
मिल रही खबरों के मुताबिक एडमिट कार्ड जारी नहीं किये जाने के कारण राज्य के कई जगहों पर मगध विवि के छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। नवादा, नालंदा, गया आदि सभी जगहों से ऐसी ही खबर मिल रही है। गया में छात्रों ने विवि थाने के पास खड़ी बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में तोड़फोड़ किया और एक बस को आग के हवाले कर दिया। हंगामे के कारण कई यात्री भी घायल हो गये। नाराज छात्रों ने पितृपक्ष मेला के सुरक्षा शिविर को भी आग के हवाले कर दिया। हंगामा कर रहे छात्रों को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो छात्र और उग्र हो गये. दूसरी ओर, विजय शंकर राय महिला काॅलेज की छात्राओं ने एनएच टू को जाम कर दिया और सरकार व मगध विवि के खिलाफ जम कर नारेबाजी की।
जानिए क्या है पूरा मामला
आधारभूत संरचनाओं एवं कमियों का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने मगध यूनिवर्सिटी के 28 सामान्य डिग्री कॉलेजों की सम्बद्धता अस्वीकृत कर दी थी। इसके बाद प्रोवीसी केएन पासवान के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की गई थी। साथ ही उन कॉलेजों के छात्रों को अंगीभूत कॉलेजों से टैग करा कर पार्ट 1 और पार्ट 2 की परीक्षा दिलायी गयी था जिसे राज्य सरकार ने मान लिया था। पर मान्यता रद्द कॉलेज के तरफ से दायर किए गए रिट पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने छात्रों के रिजल्ट पर रोक लगा दिया। इसके बाद मगध यूनिविर्सिटी ने इन कॉलेज के छात्रों को पार्ट थर्ड की परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दिया है। इससे लगभग 86 हजार छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है।