जंगलराज के वास्तविक पोस्टर बनाए जाएं तो कांप जाएगी नई पीढ़ी : सुशील मोदी

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पटना : आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व बिहार में एक बार फिर से पोस्टर वार शुरू हो गया है। इस नए पोस्टर वार में जहां एनडीए राजद के पुराने पंद्रह वर्षो के जंगल राज को पोस्टर के माध्यम से लोगों को फिर से याद दिला रही है वहीं राजद ने गरीबों का राज बनाम अपराधियों का राज कह हमला बोला है।

इस पोस्टर वार में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लालू-राबड़ी शासित 15 वर्षो के बिहार के बारे में कहा है कि, जो पोस्टर लगाये गए हैं, उनमें न तो कुछ नया है, न कोई गलतबयानी की गई है।

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पोस्टर में डेढ़ दशक के अधेरे दौर की कुछ ऐसी बातों की याद दिलायी गई है, जिनकी कठोर सचाई लोगों ने भोगी है। लालू प्रसाद खुद बतायें कि उनके समय लाखों लोगों को बिहार से पलायन क्यों करना पड़ा था?

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा है कि  यदि 1990- 2005 के बिहार का वास्तविक पोस्टर बनाया जाए, तो वह इतना भयावह होगा कि नई पीढ़ी कांप जाएगी।

जो लोग सच देखने का साहस रखते हों, उन्हें बिहार की हालात पर बनी दो फिल्में “गंगा जल” और  “अपहरण” यू-ट्यूब से डाउनलोड कर अवश्य देखनी चाहिए।

ये दोनों फिल्में भाजपा ने नहीं, मशहूर बिहारी निर्देशक प्रकाश झा ने बनायी थीं। राजद के नेता इन फिल्मों के बारे में क्या कहेंगे?

उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि  बिहार में पिछली गर्मी के दौरान चमकी बुखार से बच्चों की बीमारी और मौत जैसी मौसमी आपदा पर कांग्रेस-राजद के लोग पीड़ित परिवार की मदद करने के बजाय सरकार को कोस रहे थे।

अब, जब राजस्थान में 34 दिनों के भीतर 105 बच्चे काल-कवलित हो गए, तब बच्चों को बचाने के बजाय गहलोत सरकार का स्वास्थ्य विभाग मंत्री के दौरे के समय हरी कालीन बिछाने पर ध्यान दे रहा है।

बिहार पर अंगुली उठाने के बजाय बिहार प्रदेश कांग्रेस को आपदा प्रबंधन के टिप्स सीखने चाहिए ताकि वे गहलोत की मदद कर सकें।

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