सुमो पर पीके का वार, कहा— परिस्थितियों के चलते बने डिप्टी सीएम, जनादेश नहीं था
बिहार विधानसभा का चुनाव सितंबर-अक्टूबर में संभावित है। लेकिन, इस चुनाव की अनौपचारिक शुरुआत प्रशांत किशोर ने बीते दिन कर दी है। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार भाजपा के साथ लड़ेंगे और विधानसभा में सीटों का बंटवारा 1:1.4 के आधार पर होगा। यानी जदयू 142 और भाजपा 101 तथा दोनों दल अपने हिस्से से लोजपा को सीटें देंगी।
पीके के इस बयान के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा बिहार भाजपा के कद्दावर नेता सुशील मोदी ने कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था कि 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।
लेकिन, जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाले कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरूद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुँचाने में लगे हैं। एक लाभकारी धंधे में लगा व्यक्ति पहले अपनी सेवाओं के लिए बाज़ार तैयार करने में लगता है, देशहित की चिंता बाद है।
सुशील मोदी ने अपने दुसरे ट्वीट में कहा कि भाजपा और जद-यू के बीच चंद वर्षों को छोड़ कर आपसी विश्वास का रिश्ता दो दशक पुराना और जांचा-परखा है। बिहार के विकास, कानून के शासन, महिला सशक्तीकरण, दलितों-पिछड़ों के साथ न्याय, बाल विवाह एवं दहेजप्रथा पर रोक, नशा मुक्ति तथा पर्यावरण रक्षा के लिए जल-जीवन-हरियाली जैसे अभियान पर एनडीए पूरी तरह एकजुट है।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के इस बयान के बाद पीके ने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय की है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उपमुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
हालांकि राजनीतिक जानकार का कहना है कि प्रशांत किशोर जो बातें बोल रहे हैं वह नीतीश कुमार के भावना के अनुरूप ही बोल रहे हैं। क्योंकि प्रशांत किशोर अनर्गल बयानबाजी नहीं करते हैं। लेकिन,प्रशांत किशोर के इस बयान से बिहार बीजेपी के नेता तिलमिलाये हुए हैं तथा इस बयान के ख़िलाफ़ भाजपा और जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।