दवा की अधिकतर दुकानें भय के मारे बंद रहीं, परिजन बेहाल

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राजद द्वारा आहूत बिहार बंद के दौरान अकेले पटना में करोड़ौं के कारोबार प्रभावित हुआ। दवा व नर्सिंग होम खुले रहने की एडवाईजरी के बावजूद बंद समर्थकों के भय से दवा की भी कई दुकानें बंद रहीं। पारस हास्पीटल व आईजीआईएमएस के निकट की अधिकतर दवा दुकाने बंद रहीं। नतीजा, परिजन परेशान हाल दवा के लिए भटकते रहे।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बंद के दौरान पटना में उत्पातियों से निबटने के लिए पुलिस सायरन बजाते दौड़ती रही। कई जगहों पर झड़पें तो हुईं, पर स्थिति नियंत्रण में रहीं। नर्सिंग होम्स के निकट पुलिस के कुछ अफसरं यह समझााते रहे कि मेडिकल और जरूरी व्यवस्थाओं को बंद से अलग रखा गया है। बावजूद, दवा दुकानदार राजद के अतीत को देखते हुए दुकानों को बंद ही रखे।वैसे, अशोक रपाजपथा स्थित पीएमसीएच के आसपास की दुकानें खुली रहीं। पुलिस बंदोबस्ती भी सख्त रही। सड़कों पर इंसास और एके-47 से लैस बंद समर्थकों पर नजरें रखे हुए थे।

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एडीजी जीतेन्द्र कुमार ने बताया कि बंद के आलोक में कल से ही पुलिस बंदोबस्ती तगड़ी कर दी गयी थी। उनकी माॅनीटरिंग कई स्तरों पर हो रही थी। अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए अलग से फोर्स की व्यवस्था की गई थी। अकेले इनकम टैक्स गोलंबर पर पांच प्रशिक्षु आईपीएस की प्रतिनियुक्ति थी। उन्हें अप्रिय खबर मिलते उड़ जाने का निर्देश था। निर्देश के अनुसार, वे लोग जहां-तहां वे सदल-बल उड़ते रहे। उनकी डयूटी खासकर वैसी बिन्दुओं पर थीं जो संवेदनशील मानी जातीं हें।

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