नयी दिल्ली : नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पर जदयू ने यूटर्न लेते हुए मोदी सरकार का लोकसभा में खुलकर समर्थन किया है। इस अहम मुद्दे पर अभी तक एनडीए में रहते हुए भी जदयू का रुख केंद्र सरकार की सोच से पूरी तरह मेल नहीं खा रहा था। लेकिन अब जदयू ने यह क्लियर कर दिया है कि वह इस मामले में केंद्र की भाजपा सरकार का पूरा समर्थन करेगी। हालांकि इस बिल पर अपने ताजा रुख के चलते जदयू दो फाड़ होती दिख रही है। पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की खुलकर मुखालफत करते हुए नाराजगी जाहिर की है।
जदयू का मोदी सरकार को पूर्ण समर्थन
जदयू उपाध्यक्ष और चुनाव सलाहकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के फैसले पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन से दुखी हूं। यह बिल धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाला है जो भेदभावपूर्ण है’।
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार में ठनी
बिहार सीएम और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू द्वारा नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन पार्टी संविधान से मेल नहीं खाता है, जहां पर पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा हुआ है।
प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके। उन्होंने लिखा कि नागरिकता संशोधन बिल पर पार्टी का समर्थन पार्टी नेतृत्व की विचारधारा से मेल नहीं खाता, जो कि महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन बिल पर जदयू पहले सरकार से अलग रुख का संकेत दे रहा था। लेकिन अचानक बिल के लोकसभा में पेश होते ही पार्टी ने अपने फैसले पर यूटर्न ले लिया और इस बिल पर सरकार का समर्थन करने का फैसला लिया।