बैंक, सिम व नामांकन में आधार गैरजरूरी, नीट—यूजीसी व सीबीएसई परीक्षा में अनिवार्य
पटना/नयी दिल्ली : आधार कार्ड को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला सामने आया। कोर्ट ने आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता तो बरकरार रखी लेकिन बैंक खाता खोलने, मोबाइल सिम लेने तथा स्कूलों में नामांकन के लिए इसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी। लेकिन सीबीएसई, नीट और यूजीसी परीक्षा के लिए यह अब भी जरूरी होगा।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा समेत छह जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को बहुमत के फैसले में आधार कानून को वैध ठहराया। लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को अदालत ने निरस्त कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निजी कंपनियां आधार डाटा की मांग नहीं कर सकतीं। इसके साथ ही न्यायालय ने सरकार को डाटा सुरक्षा की मजबूत प्रणाली विकसित करने का आदेश भी दिया।
आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता कुछ शर्तों के साथ बरकरार
फैसले के तहत अब बैंक खाता खुलवाने, मोबाइल कनेक्शन हासिल करने और स्कूलों में नामांकन के लिए आधार जरूरी नहीं होगा। लेकिन पैन कार्ड के वास्ते इसकी अनिवार्यता बरकरार रखी गयी है। कोर्ट ने कहा कि आधार समाज में हाशिये पर रहने वालों को अधिकार और पहचान देता है। आधार पहचान के अन्य प्रमाणों से भी अलग है, क्योंकि इसे डुप्लीकेट नहीं किया जा सकता है। साथ ही इसमें न्यूनतम जानकारी ही एकत्रित की जाती है। केंद्र सरकार से यथाशीघ्र मजबूत डाटा संरक्षण कानून लागू करने की हिदायत दी गयी। स्कूलों में नामांकन के लिए तो अब आधार जरूरी नहीं होगा पर सीबीएसई, नीट और यूजीसी के लिए यह जरूरी होगा।