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जानिए पूर्व मेयर पर किसने बरसाईं एके 47 से गोलियां? क्या थी पूरी प्लानिंग?

पटना : मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या ने सरकार के कानून का राज संबंधी दावों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों अपराधियों की पहचान कर ली गयी है। मोटरसाइकिल चलाने वाला अपराधी सुजीत कुमार था जबकि पीछे बैठे गोविंद ने समीर पर एके 47 से गोलियां बरसाईं थी। दोनों अपराधी शम्भू-मंटू गिरोह के शार्प शूटर हैं।
पूर्व मेयर समीर कुमार का नाम उत्तर बिहार के अंडरवर्ल्ड डॉन प्रोफेसर वीपीन सिंह से जुड़ा था। मुजफ्फरपुर के सभी ठेकेदारों से कितना कमीशन लेना है और काम किसको मिलेगा यह सब समीर कुमार तय करते थे और इसपर मुहर प्रोफेसर वीपीन सिंह का लगता था। समीर सिंह को अहियापुर के गुड्डू और विश्वनाथ सिंह का सहयोग मिलता रहता था। अखाड़ाघाट के कारोबारी विनोद हसारिया के घर दरबार सजता था। वहीं दरभंगा और मधुबनी में डॉन प्रोफेसर वीपीन सिंह का काम पूर्व विधायक प्रभाकर चौधरी देखते थे। राकेश कुमार, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह डॉन वीपीन सिंह का शूटर था। रंगदारी नहीं देने पर जहानाबाद के ठेकेदार मदन सिंह उर्फ मनन सिंह की हत्या डॉन वीपीन सिंह के आदेश पर राकेश सिंह ने लाइन होटल पर कर दी थी। इसमें सरकारी इंजीनियर भी मारा गया था।

जमीन कारोबार में वर्चस्व को लेकर हुई हत्या!

सूत्र बताते हैं कि तत्कालीन मेयर समीर कुमार ने ही ठेकेदार की हत्या करने का इशारा किया था। पूर्व मेयर समीर कुमार को मुजफ्फरपुर के कारोबारी भरोसेमंद समझते थे। हर एक लफड़े का समाधान समीर कुमार द्वारा किया जाता था। समीर कुमार की तरक्की आर्थिक और समाजिक रूप से खूब हुई। ठेकेदारी के बाद अब उन्होंने जमीन में कदम बढ़ाया तो क्या मजाल की कोई रोड़ा बने। इधर शम्भू-मंटू गिरोह भी जमीन कारोबार में कूद पड़ा। मुजफ्फरपुर में गिरोह ने सैकड़ों एकड़ जमीन अपने नाम कर लिया। जमीन के लफड़े सुलझाने के लिए भी लोग समीर के पास पहुंचते थे। अब समीर कुमार और शम्भू-मंटू गिरोह में टकराव शुरू हो गया था। बात प्रोफेसर वीपीन सिंह तक पहुंची, समझौता कर समाधान करने की कोशिश की गयी लेकिन दिल से बात नहीं बनी। अब समीर कुमार को हटाने के अलावा और शंभू—मंटू के पास कोई दूसरा चारा नहीं था। समीर कुमार का शटर डाउन करने की जिम्मेवारी शूटर गोविंद को मिली।सीसीटीवी फुटेज में जो शख्स मोटरसाइकिल चलाते दिख रहा है, वह सुजीत कुमार नामक अपराधी है, वहीं एके 47 से गोलीबारी करने वाला गोविंद है। पुलिस ने राकेश सिंह को भी इस कांड में गिरफ्तार किया है। राकेश सिंह ने पूर्व में एके 47 से झंझारपुर में कई मजदूरों की एक साथ हत्या कर दी थी। राकेश सिंह डॉन प्रोफेसर वीपीन सिंह का आदमी रहा है। पूर्व विधायक प्रभाकर चौधरी का भी समर्थक रहा है। प्रोफेसर वीपीन सिंह जब सरेंडर किये थे तो मात्र 6 माह के अंदर दर्जनों मामले में जेल से रिहा हो गये थे। वकील से लेकर जेल तक का मैनेजमेंट पूर्व मेयर समीर कुमार ने ही किया था।