मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
सारण : छपरा छात्र संघर्ष मोर्चा ने शहर में आक्रोश मार्च निकाल प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का किया पुतला दहन। जेएनयू छात्रों पर बर्बर हमले, जेपी विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितता से आक्रोशित थे छात्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ किया जमकर नारेबाजी।वहीं छात्र संघर्ष मोर्चा (एआईएसएफ, एसएफआई, जन अधिकार छात्र परिषद,छात्र राजद, आईसा, छात्र रालोसपा) ने शहर में आक्रोश मार्च निकाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंक रोष प्रकट किया।
इससे पहले छात्रों का एक जत्था नगरपालिका मैदान से निकला जो हाथों में स्लोगन लिखे हुए तख्ती के साथ केंद्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थाना चौक होते हुए म्युनिसिपल चौक पहुंचा। जेएनयू विश्वविद्यालय में छात्रों पर की गई बर्बर लाठीचार्ज एवं जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सीट खाली रहने के बाद भी नामांकन नहीं होने से छात्र काफी आक्रोशित थे।
छात्र नेताओं ने कहा कि
नरेंद्र मोदी की यह तानाशाही सरकार देश के शिक्षण संस्थानों सहित सभी सरकारी संस्थानों को पूंजीपतियों के हाथों बेच कर बर्बाद कर देना चाहती है।
जेएनयू के शांतिपूर्वक सांसद मार्च कर रहे छात्रों पर किए गए बर्बर हमले की जितनी घोर निंदा की जाए कम है। आज हमारी लड़ाई केंद्र एवं बिहार राज्य सरकार दोनों से है जिनके कारण जयप्रकाश विश्वविद्यालय की ऐसी हालत बनी हुई है। नामांकन, त्रुटि रहित परीक्षा परिणाम के लिए छात्र दर-दर भटकने को मजबूर हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाही पूर्ण रवैया के कारण हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद हो चुका है और लाखों छात्रों का भविष्य अंधकार में होने के कगार पर है।
हम मांग करते हैं
जयप्रकाश विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता एवं सत्र-2019-21 के बचे हुए सीटों पर जल्द नामांकन लिया जाए, घोषित परीक्षा फल में बड़े पैमाने पर त्रुटि में सुधार जल्द सुधार कर छात्रों को अंकपत्र वितरित किया जाए, जेपीयू में छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित किया जाए, कुलपति तानाशाही रवैया छोड़ छात्र- कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करना बंद करें।
आज के पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य रुप से एआईएसएफ के राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव, राज्य पार्षद अमित नयन, जन अधिकार छात्र परिषद् के जेपी विश्वविद्यालय अध्यक्ष पवन गुप्ता, जिला अध्यक्ष अभिषेक विद्यार्थी, एसएफआई के
सद्दाब अहमद मजहरी, रूपेश कुमार, छात्र राजद के अमर कुमार उर्फ बाबा जी, रालोसपा के जिला उपाध्यक्ष गुलशन कुमार, आईसा के जिला सचिव अनुज दास,जिला अध्यक्ष अभिषेक विद्यार्थी, वासु कुमार, राहुल सिंह,सुधीर कुमार, आनंद यादव रंजीत कुमार सिन्हा, सहित दर्जनों छात्र मौजूद थे।
गंदगी, बीमारी व संक्रमण के लिए मुआवज़े के लिए हुई सुनवाई
सारण : छपरा न्याय फाइटिंग फ़ॉर द पीपुल के द्वारा लोक शिकायत प्राधिकार के द्वारा शहर के साथ दलदली बाजार, रूपगंज, करिमचक, करिमचक कोरार गुदरी, रावल टोला नई बाजार में जलजमाव गंदगी और गंदगी से फैल रही बीमारी, संक्रमण और डेंगू पीड़ितों के मुआवजे के लिए दायर वाद की सुनवाई आज लोक शिकायत प्राधिकार द्वारा किया गया। जिसमें निगम के प्रतिनिधि द्वारा जवाब नहीं लाने और समय की मांग पर लोक शिकायत प्राधिकार द्वारा 4 दिसम्बर 2019 को अनिवार्य रूप से स्पष्ट प्रतिवेदन देने का आदेश लोक प्राधिकार को दिया। मालूम हो की ये वाद न्याय फाइटिंग फ़ॉर द पीपुल के संस्थापक महासचिव मो सुल्तान हुसैन इदरीसी द्वारा दायर किया गया है।
छात्राओं को हार्मोनल असंतुलन के प्रति किया जागरूक
सारण : छपरा सोशल सर्विस एक्सप्रेस की महिला इकाई ‘एंजल द हेल्पिंग हैण्ड्स’ द्वारा महिला सशक्तीकरण के उदेश्यों के साथ ‘स्वस्थ बिटिया-सशक्त बिटिया’ अभियान के तहत किशोरावस्था में होने वाले हार्मोनल असंतुलन पर शहर के मिश्रीलाल आर्य कन्या उच्च विद्यालय में जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहर की प्रतिष्ठित महिला रोग विशेषज्ञा डॉ किरण ओझा, विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य कुमारी इंदिरा, महिला मित्र समूह की रिंकी मिश्रा, एंजल पैड बैंक के नवीन कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का स्वागत एंजल द हेल्पिंग हैंड्स की अध्यक्षा अर्चना किशोर द्वारा अतिथियों को पौधा प्रदान कर किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य कुमारी इंदिरा ने कहा कि संस्था का यह कार्य निश्चित रूप से किशोरियों में आत्मविश्वास का संचार करेगा, ऐसे कार्यक्रम लगातार अंतराल पर होते रहने चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला मित्र समूह की अध्यक्षा रिंकी मिश्रा ने बताया कि महिला मित्र समूह हमेशा से ऐसे कार्यक्रम के साथ रही है और भविष्य में इसी तरह के कार्यक्रम को जलालपुर में भी करने की बात कही कार्यक्रम में मुख्य रुप से शहर की महिला रोग विशेषज्ञा डॉ किरण ओझा द्वारा बच्चियों को हार्मोनल असंतुलन पर विस्तॄत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में डॉ ओझा ने बताया कि लड़कियों को महीने के उन खास दिनों में किशोरियो को मिथक पर ध्यान नही देना चाहिए बल्कि आत्मविश्वास के साथ बेबाकी से माहवारी संबंधी समस्याओं को दूर करना है। हार्मोनल असंतुलन एक आम समस्या है संस्था के प्रयास को सरल तरीके से महिलाओं तक पहुँचाना होगा। संस्था माहवारी स्वच्छता के लिए ही ऐंजल पैड बैंक के माध्यम से जरुरतमंदो को मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध कराती है।
महिलाओं के स्वास्थ और सशक्तता ही स्वस्थ बिटिया सशक्त बिटिया अभियान की कोशिश है। गाँव-गाँव तक इस अभियान को पहुँचाने की कोशिश की जायेगी।माहवारी स्वच्छता के उद्देश्यों के साथ संस्था सतत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करती रहेगी, उक्त बातें संस्था के भवर किशोर ने कही।कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय से दीपशिखा कुमारी,खुशबू कुमारी,प्रीति कुमारी, निक्की कुमारी, पूजा कुमारी, पूजा गोस्वामी, विवेक कुमार गुप्ता ऋचा, शिंपी, सुनीता, धंर्मेन्द्र व संस्था से जयश्री, प्रीति, पूजा, कंचन, शालिनी, अनिता, कबड्डी खिलाड़ी कोमल का योगदान अहम रहा, जबकि मंच संचालन अध्यक्षा अर्चना किशोर ने किया।
रोट्रैक्ट क्लब ने प्रसूति को उपलब्ध कराई रक्त
सारण : छपरा रोट्रैक्ट क्लब ऑफ़ सारण सिटी ने डोनर कार्ड के माध्यम से सदर अस्पताल के ब्लड बैंक से गड़खा थाना के अनोनी ग्राम निवासी प्रसूता श्रीमती रीता देवी को A+ एक यूनिट रक्त की व्यवस्था कर उनकी मदद की। इस दौरान रोट्रेक्ट क्लब ऑफ सारण सिटी के अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने बताया की रीता देवी खून की कमी से जूझ रही थी उनके परिजनों ने हमारे रोट्रैक्ट डिस्ट्रिक्ट 3250 के जोन-1 के जेडआरएस निकुंज कुमार से संपर्क साधा और अपने रोगी के विषय में बताया,तब तत्काल ही डोनर कार्ड के माध्यम से रीता देवी को रक्त अधिकोष से ब्लड की व्यवस्था कारवाई गई।
अध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने कहा की रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। इसलिए सभी व्यक्तियों को वर्ष मे कम से कम 2 बार रक्तदान जरूर करना चाहिए। इस दौरान जेडआरएस रोट्रैक्टर निकुंज कुमार, सचिव सैनिक कुमार, अरुण राय, नंदकिशोर राय उपस्थित थे।
अगलगी प्रभावित लोगों को सीओ ने दी सहायता राशि
सारण : छपरा तरैया थाना क्षेत्र अंतर्गत चैनपुर गांव में पिछले दिनों हुई अगलगी से प्रभावित लोगों को स्थानीय सीओ ने पीड़ित अशोक महतो की पत्नी ललिता देवी, दीपक कुमार की पत्नी सत्या देवी तथा लक्ष्मण महतो की पत्नी राजेश्वरी देवी को सरकारी सहायता के रूप में 98,000 रूपये प्रति व्यक्ति चेक देकर सहयोग किया। मौके पर जदयू प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह के प्रतिनिधि धनवीर कुमार सिंह ने पीड़ितों को कंबल, साड़ी तथा कई अन्य सामान देकर भी सहयोग किया।
शादी में हुई चाकूबाजी, कई घायल
सारण : छपरा भगवान बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत शिव बाजार मोहल्ले में एक शादी समारोह के दौरान दो गुटों के बीच हुई चाकूबाजी में कई लोग घायल हो गए। जहां गंभीर रूप से तीन जख्मी को छपरा सदर अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने स्थिति को देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया।
वही बताया जाता है कि शिव बाजार मोहल्ले निवासी मोहम्मद गौस का पुत्र मोहम्मद अमन, सुनील साहनी का पुत्र राजा बाबू तथा असगर अली का पुत्र शहजाद अली के फर्द बयान के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
श्रमदान से पुल का निर्माण
सारण : छपरा पंचायत की बिमार लोगों को तड़पते और कोसो दुरी तय कर पढ़ने जाने वाले स्कूली बच्चों के दर्द ने रामपुर के अशोक सिंह को झकझोर दिया था। लगभग 20 सालों से बनवा रहे थे चचरी के पूल, क्षेत्र में माही नदी पर पुल न होने से तत्काल इलाज के अभाव में कई लोगों की जानें पहले भी जा चुकी थी। अपने ब्लॉक मुख्यालय गड़खा पहुंचने के लिए लगभग कोसो किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी। पुल के लिए कोई सुनने वाला न था। न अफसर और न ही जनप्रतिनिधि। कई विधायक और सांसदों से भी लोगों ने इसके लिए मांग की थी।
जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन देते थे। उनके निर्देश पर सर्वे आदि का काम होता था मगर निर्माण नहीं। निराशा के इस दौर में श्रमदान से पंचायत में कुछ ऐसा कर दिखाया, जो मिसाल बन गया। इस रामपुर, इटवाँ, कुदरवाँधा इन तीनों पंचायत में बहने वाली माही नदी के दोनों तरफ दर्जनों गांवों के लोग पुल नहीं होने से परेशान थे। पुल न होने से लोगों को 3 किमी दूरी तय कर गड़खा प्रखंड और 20 किमी दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ता था। दुश्वारी के इस दौर में रामपुर पंचायत के आगे आए, सैकड़ों लोगों को जोड़ा। फिर शुरू कर दिया पुल निर्माण। पंचायत गांव के ही नरेश राय, मनीष जसवाल, लव सिंह तथा राजेश दास से सबसे ज्यादा मदद मिली। ग्रामीणों की सहभागिता से बन रहा पुल को देख लोग फूले नहीं समा रहे है। पुल निर्माण में सहयोग करने वाले पंचायत के अशोक सिंह ने बताया कि पूरे इलाके के लोगों को काफी दिक्कत होती थी। अब पुल बनने को तैयार है और लोग अपनी लगन और मेहनत पर इतरा रहें है। वहीं रामपुर, झारूटोला, पिठाघाट, कोइरो टोला। इन गांवों के लोगों को अब कई किमी घूमकर ब्लॉक जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। पुल से अब मुख्यालयों की दूरी कम हो जाएगी।
पुरुष नशबंदी पखवाड़ा का होगा आयोजन
सारण : छपरा परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुषों की सहभागिता भी जरुरी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई स्तर पर सार्थक प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 21 नवंबर से 4 दिसम्बर तक राज्य के सभी जिलों में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। ‘पुरुषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में भागीदारी’ इस बार के पुरुष नसबंदी पखवाड़े की थीम होगी। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इस आयोजन के विषय में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है।
दो चरणों में मनेगा पखवाड़ा :
पत्र के माध्यम से बताया गया कि यह पखवाड़ा दो चरणों में होगा। 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक पहला चरण होगा, जिसमें लाभार्थियों को परिवार नियोजन पर जानकारी दी जाएगी। 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक दूसरा चरण चलेगा जिसमें विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लोगों को पुरुष नसबंदी सेवा प्रदान की जाएगी।
नसबंदी शिविर का होगा आयोजन :
पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के सफ़ल संचालन के उद्देश्य से पखवाड़ा के दौरान सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पर स्थायी सेवा एवं जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल के साथ फर्स्ट रेफरल यूनिट पर न्यूनतम एक नसबंदी शिविर के आयोजन करने के निर्देश दिए गए हैं। पुरुष नसबंदी के लिए जिले में सर्जन की अनुपलब्धता होने पर संबंधित मेडिकल कॉलेजों से समन्वय स्थापित करते हुए सर्जन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएगी।
एनजीओ एवं अवकाश प्राप्त चिकित्सक भी करेंगे सहयोग :
पखवाड़ा के दौरान अवकाश प्राप्त एनएसवी के सर्जन, एक्रिडेटेड निजी नर्सिंग होम एवं पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक्रिडेटेड एनजीओ या चिकित्सक का भी नियमित सहयोग लिया जाएगा।
जागरूकता पर होगा ज़ोर: सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक समुदाय में लोगों को परिवार नियोजन पर जागरूक किया जाएगा। इसके लिए आरोग्य दिवस का उपयोग करते हुए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के संबंध में आम लोगों को जानकारी दी जाएगी। परिवार नियोजन परामर्श केंद्र, मैटरनिटी वार्ड एवं टीकाकेंद्र केन्द्रों जैसे अन्य अन्य स्थलों पर परामर्शदाता, स्टाफ नर्स एवं एएनएम द्वारा लाभार्थियों को परिवार नियोजन पर जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम बॉक्स एवं डिस्पले ट्रे को सुनिश्चित करते हुए आवश्यक गर्भनिरोधक की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएगी।
सारथी वैन से प्रचार-प्रसार :
इस दौरान सारथी वैन के जरिए भी समुदाय स्तर पर लोगों को परिवार नियोजन पर जागरूक किया जाएगा। प्रत्येक दिन वैन 10 स्थलों पर घूमकर परिवार नियोजन का संदेश देने का काम करेगी। इसके लिए प्रत्येक दिन का रूट प्लान भी किया जाएगा।
न्यूनतम एक पुरुष नसबंदी होगा अनिवार्य :
इस पखवाड़े के दौरान प्रत्येक स्वास्थ्य उप केंद्र पर कार्यरत एएनएम एवं प्रत्येक आशा फैसिलिटेटर को एक-एक पुरुष नसबंदी करवाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इस पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन के अन्य सेवाएं जैसे महिला नसबंदी, कॉपर टी एवं नवीन गर्भनिरोधक अंतरा सुई पर भी विशेष बल दिया जाएगा।
बदलते मौसम में शिशु का रखें विशेष ख्याल
सारण : छपरा बदलते मौसम में नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। तापमान में गिरावट के कारण मौसम के साथ रहन-सहन की शैली में भी परिवर्तन आ जाता है और इस दौरान ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है। बड़ों की अपेक्षा बच्चों की त्वचा ज्यादा नाजुक होती है इसलिए सर्दियों के मौसम में बच्चों की देखभाल ज़्यादा करनी पड़ती है।
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि बच्चे ईश्वर की अनमोल कृति होते हैं। शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया जा रहा है। शिशु को छह माह तक सिर्फ माँ का ही दूध पिलाना चाहिए। स्तनपान कराते समय शिशु को सही तरीके से गोद में लेना चाहिए। शिशु को दिन की तरह रात में भी दूध पिलाना चाहिए। शिशु को छह माह तक कोई भी ऊपरी आहार नहीं देना चाहिए। बच्चों के रोने पर यह जरूरी नहीं है कि उसे तकलीफ है। रोना बच्चे के लिए एक अच्छा अभ्यास भी है। उसके रोने पर उसे मारें या डाँटें नहीं, बल्कि उसे प्यार से चुप कराएँ। यदि ज्यादा रोए तो डॉक्टर को दिखाएँ।
सुबह की धूप है जरूरी :
डॉ प्रसाद ने कहा कि नावजात शिशु के लिए धूप से मिलने वाला विटामिन-डी बहुत लाभकारी होता है, खासकर जब मौसम सर्दी का हो। रोजाना शिशु को लगभग 15 से 20 मिनट तक धूप में रखने से जॉन्डिस जैसी बीमारी नहीं होती । सुबह की धूप दिखाने से शिशु का इम्यून सिस्टम भी अच्छा होता है, और बच्चे को अच्छी नींद भी आती है। लेकिन अगर आपके शिशु की त्वचा संवेदनशील है तो उसे धूप में न ले जाएँ साथ ही धूप से आंखो को हमेशा बचाएं।
रोज़ाना न नहलाएँ :
अपने नवजात शिशु को ठंड से बचाने के लिए उन्हें रोज़ाना नहीं नहलाएँ। इसके बजाय हर दूसरे दिन गर्म पानी में सॉफ्ट एंटीबैक्टीरियल लिक्विड डालकर शिशु के शरीर को नर्म तौलिया की सहायता से अच्छे से साफ कर दें। जिससे बच्चे की त्वचा भी साफ हो जाएगी और उसे ठंड भी नहीं लगेगी।
साफ ऊनी कपड़ों का करें इस्तेमाल :
हल्की ठंड को नजरअंदाज कभी नहीं करना चाहिए, और मौसम में परिवर्तन की शुरुआत से ही बच्चों को गर्म कपड़े और मोजे पहनाना शुरू कर देना चाहिए। लेकिन ये ध्यान जरूर रखें कि जिस ऊनी कपड़ों का आप इस्तेमाल कर रहे हैं वो साफ हो। इसलिए ऊनी कपड़ों का इस्तेमाल करने से पहले उन्हें अच्छे लिक्विड डिटर्जेंट से धोएँ ताकि स्किन एलर्जी न हो।
गर्म तेल की मालिश है जरूरी : नवजात शिशु के लिए तो मालिश बहुत जरूरी होती है, जिससे उनके शरीर को आराम के साथ मजबूती भी मिलती है। सर्दियों में मालिश और भी जरूरी हो जाती है, क्योंकि तेल मालिश त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा रूखी नही होती।
मां के दूध का कराएं नियमित सेवन: नवजात शिशु के लिए मां के दूध को अमृत माना जाता है। ऐसे में सर्दियों में उसका दिन में कम से कम 4-5 बार सेवन करवाना बेहद फायदेमंद होता है. इससे उसे मौसमी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।