नवादा : ज़िला में महिलाओं ने रूढ़िवादी मान्यताओं को तोड़ते हुए अर्थी को कंधा दिया। यहां पर एक परिवार की महिलाओं ने घर की बुजुर्ग सदस्य की अर्थी को न सिर्फ कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि भी दी। यह घटना रोह थाना क्षेत्र के सुंदरा गाँव की है।
बताया जाता है कि नवादा के प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक डॉक्टर सुधीर कुमार के पिता दशरथ प्रसाद मिडिल स्कूल के शिक्षक थे रविवार को उनका देहांत हो गया।
जिसके बाद उनकी शव यात्रा घर की महिलाओं ने निकाली। शवयात्रा में शामिल दर्जनो महिलाओं ने पूर्व शिक्षक की अर्थी को कंधा देकर, शमशान घाट तक पहुंचाया और मुखाग्नि मृतक शिक्षक की एक बहु ने दी। महिलाओं ने रूढ़िवादी मान्यताओं तोड़ते हुए उनकी तीन बहुएं और गांव की दर्जनो महिलाओं ने बारी-बारी से अर्थी को कंधा दिया।
वहीं शवयात्रा में शामिल शिक्षक की बहु ने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्तिकरण किया जा रहा है तो फिर इस क्षेत्र में उन्हें क्यों रोका जा रहा है?
इस रूढ़ीवादी विचार को समाप्त करते हुए हम महिलाएं अर्थी को कंधा देकर महिलाओं को इस क्षेत्र में भी आगे आने का और पुरुषों के एकाधिकार को समाप्त करने का काम कर रही है। महिलाओं द्वारा उठाए गए इस कदम का समाज के हर वर्ग के लोगों ने समर्थन और सहयोग दिया। इस घटनाक्रम की अब पूरे इलाके में चर्चा हो रही है।
बताते चले यह कोई पहला मामला नहीं है जब महिलाओं ने अर्थी को कंधा दी है। इससे पहले भी नवादा में महिलाएं ऐसा कर चुकी हैं। ये महिलाएं समाज में बराबरी का संदेश देना चाहती हैं।