सीएम कॉलेज के लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस में नामांकन प्रारंभ
दरभंगा : सीएम कॉलेज में कैरियर ओरिएंटेड प्रोग्राम के अंतर्गत संचालित लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस के सर्टिफिकेट कोर्स,सत्र 2019-20 में प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद के आदेश से नामांकन प्रारंभ किया गया है। इंटर में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक के साथ पास कोई भी छात्र-छात्रा इस कोर्स में नामांकन ले सकते हैं। सत्र पूर्ण होने के बाद विश्वविद्यालयी परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को ल.ना. मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।
पहले आओ पहले पाओ सिद्धांत के तहत 40 सीटों में से स्थान रिक्त रहने तक सीधे नामांकन की अंतिम तिथि 30 नवंबर,2019 तक निर्धारित की गयी है। नामांकन के इच्छुक छात्र कोर्स समन्वयक से महाविद्यालय के पुस्तकालय में अथवा उनके मोबाइल नंबर 93349 12741 पर जानकारी ले सकते हैं।
कोर्स समन्वयक डॉ वीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि 200 अंकों के इस कोर्स में 60 अंक का प्रायोगिक तथा 70- 70 अंकों के दो सैद्धांतिक पत्र हैं।इसमें नामांकन हेतु अब तक 10 से अधिक छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। सभी नामांकित छात्र-छात्राओं का वर्ग सी एम कॉलेज परिसर में दिसंबर माह में प्रारंभ किया जाएगा।
स्नातकोतर व बीबीए छात्रों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
दरभंगा : सीएम कॉलेज के स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग एवं बीबीए कोर्स के संयुक्त तत्वावधान में एक छात्र जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में किया गया,जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को एमबीए के क्षेत्र में उपलब्ध असीम संभावनाओं से अवगत कराना था।आईबीएम इंडिया में कार्यरत कुमार आदित्य ने विषय-विशेषज्ञ के रूप में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी।
ज्ञातव्य है कि आदित्य बीटेक करने के बाद आईआईएम, इंदौर से एमबीए किया।उन्होंने कहा कि आज के ग्लोबल युग में करने के लिए छात्रों के पास अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं,पर सफलता सच्ची लगन एवं कठिन परिश्रम से ही मिलती है।कार्य के प्रति सच्ची निष्ठा तथा उचित मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है।अच्छे कॉलेजों से एमबीए करने के लिए कठिन परीक्षा उत्तीर्ण करना पड़ता है, जिसमें करीब पांच लाख छात्र-छात्राएं प्रतिवर्ष शामिल होते हैं,पर इतनी बड़ी संख्या में छात्र डरे नहीं,बल्कि सही दिशा में आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई करें तो सफलता अवश्य मिलेगी।
कार्यक्रम में वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो डी पी गुप्ता, बीबीए समन्वयक प्रो एस सी मिश्रा,बीसीए समन्वयक डा अशोक कुमार पोद्दार, विभागीय शिक्षक प्रो बी एन मिश्र,डा वासुदेव साहु,डा दिव्या शर्मा,प्रो ललित शर्मा,प्रो रितिका मौर्य,प्रो मीनू कुमारी सहित एक सौ से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो ललित शर्मा ने किया।
तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा एवं यूनिसेफ, बिहार इकाई के संयुक्त तत्वाधान में एक तीन दिवसीय कार्यशाला (सर्टिफिकेट ईन एकेडेमिक लीडरशिप) विषय पर दिनांक 13 से 15 नवंबर 2019 तक चलनेवाले कार्यशाला के आज समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सर्वप्रथम हमें यह सोचने की आवश्यकता है कि हमें क्यों ऐसे पाठ्यक्रम निर्माण की आवश्यकता हुई ? इस पाठ्यक्रम के टीचिंग लर्निंग श्रृंखला की प्रत्येक कड़ी को मजबूत होना होगा और उसे सही ढंग से कार्य संपादित करना होगा। इस तरह के पाठ्यक्रम से शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक सोच के विकास होने की संभावनाएं है। यह पाठ्यक्रम जिनके लिए विकसित किया जा रहा है उनके आउटकम को भी मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, कि क्या उनगुणों को उन्होंने (पाठ्यक्रम पूरा करनेवाले ) अपने अंदर उतारा है ? जिसकी जानकारी उनको दी गई।
बिहार में नवनियुक्त शिक्षा पदाधिकारियों को उन पुराने पदाधिकारियों के अनुभव को भी साझा करने की जरूरत होगी ताकि वे उसका उपयोग अपने प्रशासनिक कार्यों के लिए कर सकें। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. जयगोपाल ने कहा कि यह पाठ्यक्रम शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन ला सके तो काफी है, बहुत बेहतर होगा की शिक्षकों का छात्रों के प्रति शैक्षिक व्यवस्था को लेकर बिषयों को रुचिकर ढंग से पढ़ाये। पाठ्य सामग्री को रुचिकर तरीके से तैयार किया जाय जिससे पढ़ने वाले इस विषय की ओर और ज्यादा आकर्षित हो। दत्त कार्यों के विषय मे भी गहनता से छात्रों के बीच चर्चा की जाय तभी इस कोर्स की प्रमुखता का उद्देश्य स्पष्ट हो पाएगा।
कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने शिक्षा व्यवस्था में लीडर विषय को इंगित करते हुए कहा कि लीडर को लेखा जैसी बातों की आधारभूत जानकारी होनी चाहिए। एक लीडर में स्व-अनुशासन एवं उसके महत्व कि वरन जानकारी ही नहीं वह गुण भी होने चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है कि शिक्षकों का वर्ग में छात्रों के प्रति असीम लगाव तथा पढ़ाए जा रहे विषयों की चर्चा वृहत रूप से देनी चाहिए। महत्वपूर्ण है कि संबंधित विषयों को तार्किक रूप से वर्ग में रखें और कठिन से कठिन विषयों को बहुत सलीके ढंग से छात्रों के मन में उतारने की कोशिश करें। उन्होंने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों से यह अपेक्षा की कि आप संभवत प्रारंभ होने वाले इस विषय को बहुत सलीके ढंग से तैयार किया होगा और आशा ही नहीं वरन विश्वास भी है कि इससे छात्र निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे।
आज अंतिम दिन के कार्यशाला में एक लंबे मंथन के बाद इस पाठ्यक्रम को आधार पुरुषों ने छह मॉड्यूल में विभाजित किया एवं प्रत्येक मॉड्यूल के विषय वस्तु को आगे की तैयारी के लिए प्रतिभागियों के मध्य वितरित कर दिया। मॉड्यूल के विभिन्न बिंदुओं पर कई चक्रों में मंथन किया जाएगा उसके उपरांत उसके विषय वस्तु को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। यूनिसेफ के आधारपुरुष डॉ. एस. ए. मोइन ने कार्यशाला के तीसरे दिन सभी प्रतिभागियों के बीच मॉड्यूल के कंटेंट पर विस्तार से चर्चा की, मॉड्यूल के विषय में उन्होंने यह बताया कि मॉड्यूल में कैसे क्या करना है और क्या परिवर्तन किया जा सकता है ? इस पर विस्तार रूप से चर्चा भी की गई।
उन्होंने कहा कि हम ऐसा पाठ्यक्रम बनाना चाहते हैं जो बिल्कुल ही अपने आप अलग हो तथा हमारे शिक्षा पदाधिकारी इस पाठ्यक्रम का लाभ ले सकें एवं उनके शैक्षिक नेतृत्व के बीच एक अंतर संबंध कायम हो सके। उन्होंने प्रतिभागियों को उनके अनुभव एवं इक्षा के आधार पर कई समूहों में बांट दिया। समूह के सदस्यों ने आपस में मिलकर मॉड्यूल को कई इकाइयों में वितरित किया एवं इसकी मैपिंग की। अब आगे मैपिंग के आधार पर विस्तार से पाठ्यक्रम को स्वरूप देने के लिए टीन सदस्यों की कोर टीम डॉ. शम्भू प्रसाद, डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र, डॉ. अरविंद मिलन पटना में इनके एसडीपीओ से मिलकर विचार विमर्श कर पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देंगे।
कार्यशाला का धन्यवाद ज्ञापन करते हुवे दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. सरदार अरविंद सिंह ने प्रतिभागियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा एवं उनके साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सभी प्रतिभागियों ने अपनी मेहनत की है निश्चित ही अच्छे परिणाम आएंगे साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों, मीडिया बंधुओ को कार्यक्रम को सही ढंग से संचालित, प्रचारित करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मंच संचालन सहायक निदेशक डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन उपनिदेशक डॉ. शंभु प्रसाद ने किया।
मुरारी ठाकुर