पटना : बिहार के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी मौत को भी बिहार के सियासी रणबांकुरों ने मुद्दा बनाते हुए राजनीति शुरू कर दी है। जहां राजद सुप्रीमो लालू यादव ने इसे सीएम नीतीश कुमार पर हमला करने का जरिया बना डाला, वहीं सत्तारूढ़ जदयू ने वशिष्ठ बाबू के मामले में लालू को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दे डाली।
सीएम नीतीश के खिलाफ लालू का ट्विटर वार
राजद सुप्रीमो लालू ने वशिष्ठ नारायण सिंह के मामले में राज्य सरकार पर असंवेदी होने का आरोप लगा। उनके आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार से सवाल किया गया कि…जब वशिष्ठ बाबू अस्पताल में भर्ती थे तो आप कभी देखने गए?…क्या बड़बोली डबल इंजन सरकार उस महान विभूति को एक एंबुलेंस तक प्रदान नहीं कर सकती थी? मीडिया में बदनामी होने के बाद क्या किसी के पार्थिव शरीर को बीच सड़क रोककर उसे श्रद्धांजलि देना एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है?
जदयू का पलटवार, श्याम रजक ने दिखाया आइना
इधर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा वशिष्ठ नारायण सिंह के बहाने सीएम नीतीश पर हमले का जवाब देते हुए जदयू विधायक व बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने लालू प्रसाद को अपने गिरबा में झांकने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा है कि सरकार ने वशिष्ठ बाबू की अत्येष्ठि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की। एक मंत्री को बजाप्ता उनके गांव भेजा गया ताकि वे सारे इंतजाम की देखरेख करें।
श्याम रजक ने कहा कि जो लोग नीतीश सरकार पर अंगुली उठा रहे हैं, उन्हें पहले अपने अंदर झांकना चाहिए कि उन्होंने इस राज्य को गर्त में गिराने के लिए क्या—क्या किया था। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उस वक्त पीएमसीएच में एंबुलेंस मौजूद नहीं रहा हो। बावजूद इसके पूरे मामले की जांच की जा रही है।
विदित हो कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण की मृत्यु के बाद पीएमसीएच में एंबुलेंस नहीं मिलने और सीएम द्वारा उनके निधन पर शोक जताने के तरीके को लेकर बिहार में राजनीतिक दल और मीडिया राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं।