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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन, केंद्रीय कैबिनेट ने प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा!

नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दी है। अब कैबिनेट के इस प्रस्ताव को सहमति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है, जिनकी मंजूरी मिलते ही वहां राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ब्रिक्स बैठक में शमिल होने के लिए ब्राजील की यात्रा पर जाने से पहले कैबिनेट की बैठक बुलाई थी।

ब्राजील जाने से पहले पीएम ने बुलाई बैठक

केंद्रीय कैबिनेट की इस बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया। कैबिनेट की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा गया है। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद वहां गवर्नर रूल लागू हो जाएगा।

उद्धव कोर्ट मेें दे सकते हैं चुनौती

इधर खबर है कि महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र और कानूनविदों से हालात पर कानूनी सलाह ली है। राष्ट्रपति शासन के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर कपिल सिब्बल और अहमद पटेल से बात की है।

शिवसेना नहीं जुटा सकी समर्थन का लेटर

विदित हो कि हाल के चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा के 105 विधायक जीते तो शिवसेना के 56। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना ने भाजपा से 30 वर्षों की दोस्ती तोड़ कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद शुरू की। लेकिन कांग्रेस द्वारा उसे समर्थन का पत्र नहीं सौंपा गया जिससे सरकार गठन का सारा गणित गड़बड़ा गया। ऐसे में गवर्नर के पास एकमात्र राष्ट्रपति शासन का ही विकल्प बच गया है।

भाजपा पहले ही जता चुकी असमर्थता

गवर्नर ने सरकार गठन के लिए सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को पहले आमंत्रित किया। लेकिन शिवसेना द्वारा गठबंधन तोड़ने के चलते भाजपा द्वारा असमर्थता जाहिर करने के बाद रविवार को राज्यपाल ने 56 विधायकों के साथ शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन, पार्टी कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन के पत्र उपलब्ध नहीं करा सकी।