पटना : बेटों की नालायिकी, कुनबे में बिखराव और पार्टी में सीनियर नेताओं की उपेक्षा के बीच लालू की पार्टी राजद की साख दांव पर है। झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि बिहार तो संभल नहीं रहा, फिर झारखंड में पार्टी कैसे अपनी इज्जत बचा पायेगी। झारखंड में चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद से ही राजद ने भी कमर कसने की बात तो कही, लेकिन पार्टी के कर्ता-धर्ता तेजस्वी यादव दिल्ली में बैठे हैं, और खबर है कि वहीं से वे टिकट बंटवारे से लेकर चुनावी माहौल बनाने में जुट गए हैं।
साइड रोल में कितना कारगर होंगे तेजस्वी
सवाल उठता है कि जब बिहार में तेजस्वी ‘लीड रोल’ में रहकर कुछ खास नहीं कर पाये, तब क्या झारखंड में ‘साइड रोल’ में वे कारगर हो पायेंगे। झारखंड में तो कहीं से भी हेमंत सोरेन ‘लीड रोल’ छोड़ने वाले नहीं। झारखंड चुनाव के ऐलान के साथ ही तेजस्वी का दिल्ली में बैठ जाना यही इंगित करता है कि वहां आरजेडी विपक्षी एकता के गणित में अलग थलग पड़ी नजर आ रही है।
बीमार लालू के भरोसे झारखंड चुनाव
ऐसे में झारखंड में ले—देकर राजद की चुनावी सरगर्मियां रिम्स में भर्ती बीमार लालू से मिलने और वहां से मिले निर्देशों तक ही सिमटती जा रही है। जहां झारखंड में हर पार्टी सीटों के बंटवारे और कैंडिडेट फाइनल करने में लगी है, राजद सुप्रीमो लालू के दोनों लाल चुनावी चौसर से पूरी तरह गायब हैं। इधर मन से या बेमन से झारखंड के पार्टी नेता बीमार लालू यादव से रिम्स में संपर्क कर रहे हैं, सीट बंटवारे को लेकर उनसे मुलाकात कर रहे हैं, और बाहर आकर बयान दे रहे हैं।
दिल्ली में डेरा जमाकर झारखंड पर निशाना
लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी के बारे में खबर है कि वे दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। विपक्ष का कहना है कि झारखंड चुनाव के ऐलान से काफी पहले तेजस्वी यादव रांची जाकर चुनावी माहौल बना रहे थे। लेकिन जब चुनावी समर में उतरने का वक्त आया तो तेजस्वी दिल्ली में डेरा जमाकर बैठ गए। भाजपा का कहना है कि जब लालू खुद झारखंड में कोई मायने नहीं रखते, तब तेजस्वी यहां के लिए किस खेत की मूली हैं।
तेजप्रताप वृंदावन में कर रहे गोसेवा
अब बात करते हैं लालू के बड़े लाल तेजप्रताप की। अपनी अवतार वाली छवि के प्रति काफी सजग लालू के इस लाल की प्रायरिटी अलग है। कभी बजरंगबली, कभी कृष्ण तो कभी साक्षात भगवान शंकर बन जाने वाले तेजप्रताप की पहली चिंता अपना लुक और गेटअप—शेटअप है। सो वे फिलहाल वृदावन में गोसेवा में लगे हुए हैं। इधर झारखंड के राजद कार्यकर्ता अपने बड़े नेताओं की आस देख रहे हैं। लालू बीमार हैं, तेजस्वी दिल्ली दरबार में और तेजप्रताप यादव वृंदावन। ऐसे में झारखंड चुनाव में राजद की नैया कौन खेवेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं।