आशुतोष गोवारिकर भारी—भरकम फिल्में बनाते हैं। लंबे समय से प्रतीक्षा के बाद उनकी अगली फिल्म पानीपत का ट्रेलर मंगलवार को यूट्यूब पर जारी हुआ, जिसे कुछ ही समय में लाखों लोगों ने देखा। हालांकि ट्रेलर देखकर पूरी फिल्म की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, फिर भी दर्शकों को सिनेमाघर तक खींच लाने में ट्रेलर का बड़ा योगदान होता है। क्या खास ट्रेलर में, आइए जानते हैं।
फिल्म ‘पानीपत’ मराठाओं व अफगानी आक्रांता अहमद शाह अब्दाली के बीच हुए पानीपत की तीसरी लड़ाई की कहानी पर आधारित है। पानीपत की तीसरी लड़ाई भारतीय इतिहास की अहम घटना है और स्कूली पाठ्यक्रमों में इसके बारे में पढ़ाया जाता है। इसलिए इस लड़ाई के बारे में लोगों को थोड़ी—बहुत जानकारी है। ऐतिहासिक घटना में फिल्म बनी है, इसलिए घटनाओं व तथ्यों को बदलने की गंजाइश नहीं है। इसका मतलब हुआ कि कहानी के स्तर पर आशुतोष के पास ज्यादा विकल्प नहीं था। उनके बाद उसी कहानी को रोचक बनाकर प्रस्तुत करने की चुनौती थी। बुधवार को जारी हुए ट्रेलर को देखने से फिल्म की भव्यता की झलक मिलती है। युद्ध दृश्य, हाथी—घोड़े, महल, परिधान आदि। आशुतोष इसमें माहिर हैं। लेकिन, दर्शकों को याद होगा कि लगान व जोधा-अकबर के बाद आशुतोष ने चिटगांव व मोहनजोदारो में पीरियड फिल्म के नाम पर निराश ही किया था। कारण कमजोर व लंबी पटकथा। उम्मीद है कि उन्होंने पानीपत को इन कमजोरियों से बचाया होगा।
फिल्म पानीपत में मराठा योद्धा सदाशिव राव और अहमद शाह अब्दाली के बीच की तनातनी और लड़ाई ही कहानी में ड्रामा उत्पन्न करने के सूत्र हैं। ट्रेलर में अर्जुन कपूर और कृति सैनन कोई प्रभाव नहीं छोड़ पायीं हैं। अर्जुन कपूर ‘बाजीराव—मस्तानी’ के रनवीर सिंह की नकल करते प्रतीत हो रहे हैं। इसको लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर अर्जुन के अभिनय का मजाक भी बना रहे हैं। उन्हें और मेहनत करना पड़ेगा। आशुतोष ने अभिनेता का चयन ठीक नहीं किया। ट्रेलर देखने के बाद सिर्फ संजय दत्त याद रह जाते हैं। ट्रेलर में कुछ रोचक पंचलाइन डाले जाते तो दर्शकों की उत्सुकता बढ़ती, जैसा बाहुबली—2 में था। हो सकता है दूसरे ट्रेलर में इसकी भरपाई हो, क्योंकि इस ट्रेलर ने तो निराश ही किया है। आशुतोष इस पर ध्यान देंगे, क्योंकि इस ‘पानीपत’ में पटकथा ही जीतेगी।