पटना : अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि विवाद पर नवंबर माह के मध्य तक सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने वाला है। इस फैसले का पूरे भारत के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है। वहीं इस मामले को लेकर पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। ऐसे में राम जन्म भूमि आंदोलन को व्यापक व प्रभावशाली बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाला संगठन आरएसएस फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय आने के बाद स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में रहे। कानून व्यवस्था के समक्ष समस्या पैदा नहीं हो इसके लिए अभी से पहल शुरू कर दिए गए हैं।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने अत्यंत सधे हुए, संक्षिप्त लेकिन स्पष्ट शब्दों में ट्विट कर अपने संगठन से जुड़े करोडों लोगों के साथ ही पूरे विश्व को यह संदेश दे दिया है कि संघ अपने देश के कानून को मानता है और कानून के दायरे में रहते हुए अपनी जायज मांगों को पूरा कराने का माहौल बनाता है। उन्होंने ट्विट कर कहा आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है।
निर्णय, जो भी आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है। इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है। एक अन्य ट्विट में उन्होंने कहा कि 30 अक्तूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी। प्रचारक वर्ग आवश्यक कारणों से स्थगित किया गया है। परंतु बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है। इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि संघ अपने प्रचारकों को अपने-अपने क्षेत्रों में रह कर अनुकूल वातावरण बनाए रखने के लिए काम में जुट जाने का निर्देश जारी कर चुका है।