पटना : पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दिवाली पर पटना में कम पटाखे चले। नतीजा, प्रदूषण की मात्रा भी पटना में कम दिखी। इसके साथ ही लोक आस्था के महान पर्व छठ की तैयारियां भी शुरू हो गयी। पटाखे कम चलने का मुख्य कारण जहां चाइनीज पटाखों पर प्रतिबंध बताया जा रहा है, वहीं लोगों में प्रदूषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है।
हालांकि आर्थिक मंदी और महंगाई के चलते बाजार में दिवाली को लेकर चहलपहल भी कम रही। खरीदारों में भी उत्साह की कमी दिखी। लोगों ने आवश्यक चीजों की ही खरीदारी की। मिट्टी की मूर्तियों व उसके कपड़ों की खरीदारी में कमी नहीं आयी। मूर्तिकारों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा बाजार कम रहा, पर खरीदारों ने मूर्तियां और उससे जुड़ी चीजों को लिया ही।
इस मौके पर कई जगह श्रद्वालुओं ने काली और मां लक्ष्मी की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। शहर के मंदिरों में भी घंटा-घड़ियाल बजते रहे। लोग विशेष पूजा-अर्चना करते रहे। इस दिवाली में आग लगने की कहीं से कोई अप्रिय खबर नहीं मिली। हालांकि प्रशासन ने फायर ब्रिगेड को पहले ही सर्तक कर दिया था। सर्तकता का ही नतीजा रहा कि कुछ जगहों पर पटाखे से आग लगने की खबर मिलते ही फायर ब्रिगेड ने तत्काल मौके पर पहुंच कर काबू पा लिया।
दीघा में एक जगह जैसे ही आग लगी, फायर ब्रिगेड ने उस पर पानी झोंक कर बुझा दिया। सिटी में भी आग लगी, पर स्थानीय लोगों ने ही बुझा दिया।