भागलपुर : दीपावली की रात एक शैतान ने अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर अपने ही मासूम भतीजे की नरबलि दे दी। वाकया भागलपुर के पीरपैंती स्थित विनोबा टोला की है जहां शिवनंदन दास ने अपने भतीजे कन्हैया कुमार की बलि दी। कन्हैया शिवनंदन के भाई सिकंदर दास का पुत्र था।
संतान प्राप्ति के लिए उठाया कदम
जानकारी के अनुसार शिवनंदन दास की अपनी कोई संतान नहीं थी। वह एक तांत्रिक के संपर्क में आया जिसने उसे दीपावली की रात घर के ही किसी बच्चे की नरबलि देने की सलाह दी। तांत्रिक के बहकावे में आकर शिवनंदन ने अपने भतीजे को पटाखा दिलाने का लालच दिया और गांव के पास स्थित बांस के जंगल में उसकी बलि दे दी।
बताया जाता है कि संतान के लिए शिवनंदन ने दो—दो शादियां की। लेकिन इसके बाद भी उसकी इच्छा पूरी नहीं हुई। शिवनंदन को मिर्गी भी थी जिसका इलाज वह एक तांत्रिक से करा रहा था।
आरोपी और तांत्रिक दोनों गांव से फरार
तांत्रिक ने शिवनंदन को बच्चे की बलि के बाद संतान के साथ ही मिर्गी से छुटकारे की भी बात कही थी। नरबलि का शिकार हुआ बच्चा कन्हैया तीसरी कक्षा का छात्र था। जब देर रात तक कन्हैया घर नहीं लौटा तो परिजन और गांव वाले खोजबीन करने लगे। आज सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने बांस के जंगलों में कन्हैया की सिर कटा शव देखा। वहां तंत्र—मंत्र के भी साक्ष्य दिखे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी। तांत्रिक विलास मंडल सहित शिवनंदन दास व अन्य लोग गांव से फरार हैं।