इस बार धनतेरस क्यों है खास, जानें मुहूर्त और ऐसे करें पूजन

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पटना : 25 अक्टूबर को धनतेरस है। हिन्दू परंपरा में इस दिन धन की देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और यमराज का पूजन किया जाता है। भारत में कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनत्रयोदशी के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान धन्वंतरि की जयन्ती भी मनाई जाती है। समुद्र मंथन के दौरान हाथों में श्वेत अमृत कलश लेकर आज के दिन ही भगवान धन्वंतरि अवतरित हुए। वे आरोग्य, आयुष्य, धन—धान्य एवं सुख-समृद्धि देने वाले देव हैं। इसी दिन धन्वंतरि एवं धनाध्यक्ष कुबेर की पूजा होती है। वहीं यमराज के निमित दीपदान भी किया जाता है।

अबूझ मुहूर्त क्यों कहा जाता है धनतेरस

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आधुनिक मुहूर्तशास्त्रा में यह अबूझ मुहूर्त के रूप में स्थापित हो चुका है। विवाह को छोड़ कर प्रायः सभी शुभ कार्य धनतेरस पर किए जाने की परम्परा बन चुकी है। गृहारम्भ हो या गृहप्रवेश अथवा व्यापार आरम्भ हो या सगाई, सभी के लिए धनतेरस एक अबूझ मुहूर्त के रूप में है। धनत्रयोदशी पर दोपहर या उसके पश्चात सोना-चांदी या बर्तन खरीदे जाने चाहिए। यह कार्य यदि शुभ मुहूर्त में किए जाए तो अत्यधिक शुभफलदायक होता है। इस दिन यम के निमित दीप दान करना चाहिए। दीपदान करने से यमराज प्रसन्न रहते हैं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। दीप दान संध्या के समय करना चाहिए।

क्या है धनतेरस का मुहूर्त और कैसे करें पूजन

सबसे पहले दीपक जलाकर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें। तत्पश्चात् कुबेर का ध्यान करते हुए फूल चढ़ाएं और अपनी उन्नति की प्रार्थना करें। संध्या 7 बजकर 10 मिनट से सवा 8 बजे के मध्य पूजा करना शुभ रहेगा।

  • प्रदोष काल- 5 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 15 मिनट तक
  • वृषभ काल- 6 बजकर 51 मिनट से 8 बजकर 47 मिनट तक

धनतेरस की पूजा का आसान तरीका

सर्वप्रथम​ धनतेरस की शाम को तिल के तेल से आटे या पीतल के दीपक जलाएं।
पूजा की जगह सुगंध बिखेरें। शाम की पूजा में सबसे पहले गणेशजी की पूजा करें।
गणेशजी की पूजा के बाद लक्ष्मीजी की पूजा करें। लक्ष्मीजी की पूजा के बाद भगवान धन्वन्तरि और यमराज जी की पूजा करें। फूल और अक्षत से भगवान धन्वन्तरि, गणेशजी, लक्ष्मीजी की पूजा करें। पूजा के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यमराज को जल दें। पूजा में अनाज निकाल कर रखें। पूजा के बाद अनाज का दान करें। धनतेरस के दिन गणेशजी की स्थापना करने से विशेष लाभ होता है।

पांच उपाय जिससे मिलती है माता लक्ष्मी की कृपा

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धनतेरस और दीपावली में आप कुछ ऐसे उपाय अपना सकते हैं जिनकी वजह से आपकी बरकत हो सकती है। सबसे पहला उपाय है स्वच्छता या सफाई। जिस घर में स्वच्छता रहती है लक्ष्मी वहां स्वत: ही निवास करती हैं। सुबह शाम घर में सुंगध हो इसके लिए कुछ सुगंधित चीज जलाए रखें। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए तीसरा उपाय है, शांति रखें और घर में प्रेम बनाएं। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए चौथा उपाय यह है कि धनतेरस के सूर्योदय से लेकर भाई दूज की रात तक रोजाना 11 मालाएं ‘ओम लक्ष्मये नम:’ का जाप करें। जाप की माला कमलगट्टे की होनी चाहिए और जप करते समय कोई और कार्य ना करें। पांचवां और आखिरी उपाय है हर बार अष्टमी के दिन घर पर 8 साल से कम की कन्या को भोजन कराएं और कन्या को उपहार भी दें।

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