पटना : आरबीआई ने आॅनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने की अपील करते हुए आज पटना में अपने एनबीएफसी ओम्बुड्समैन स्कीम की जानकारी दी। यह बताया गया कि इसके तहत जो भी संस्था अधिकृत है, वह खुद—ब—खुद इस योजना के अंदर आ जाएगी। कोलकाता के एनबीएफसी ओम्बुड्समैन ऑफिस के प्रतिनिधियों की पूरी टीम आज एग्जीबिशन रोड के लेमन ट्री होटल में प्रेस से मुखातिब थी।
आरबीआई के कोलकाता प्रतिनिधित्व बिना बनर्जी ने बताया यह योजना बैंकिंग सेक्टर में पहले से ही लागू है। लेकिन एनबीएफसी वालों के लिए इसकी शुरुआत इसी वर्ष 7 फरबरी 2018 को हुई है। योजना के बारे में जानकारी देते हुए बिना बनर्जी ने बताया कि ग्राहकों को NBFC के किसी भी काम से दिक्कत आती है तो इसकी शिकायत NBFC OMBUDSMAN योजना के तहत इसके ऑफिस में कर सकते हैं। कुल चार जोन में भारत को बांटा गया है। बिहार राज्य कोलकाता जोन में आएगा।
कार्यक्रम के अंत में सवाल – जवाब का दौर चला। आरबीआई कोलकाता से आए प्रतिनिधित्व की टीम ने सभी से निवेदन किया कि ऑनलाइन बैंकिंग को अधिक बढ़ावा दें, कैशलेस को बढ़ावा मिले, अपनी बैंक डिटेल को किसी से भी साझा न करें।
NBFC OMBUDSMAN क्यों ?
i. राइट टू फियर ट्रीटमेंट – सभी ग्राहकों को एक जैसा उपचार मिले।
ii. राइट टू प्राइवेसी – अपनी बैंकिंग जानकरी किसी से साझा न करे।
iii. राइट टू ट्रांसपेंसी – ग्राहकों को हर डॉक्यूमेंट को पूर्ण रूप से पढ़ कर ही हस्ताक्षर करना चाहिए।
iv. राइट टू सुइताबिलिटी
v. राइट टू कस्टमर रेसिस्टेंट – ऊपर लिखित चार अधिकारों के हनन होने पर इस अधिकार के तहत ombudsman में शिकायत की जा सकती है।
मुख्य बातें
i. इसमें शिकायत करने के लिए कोई चार्ज नहीं ली जाएगी।
ii. आरबीआई गाइडलाइंस को मानने वाली संस्था के खिलाफ ही इसमें शिकायत की जा सकती है।
iii. अगर ग्राहक को NBFC के कर्मचारी की भाषा समझने में दिक्कत आ रही है तो इस आधार पर भी शिकायत की जा सकती है।
iv. शिकायत खुद ही दर्ज करना है या अपने प्रतिनिधि के जरिये। इसके लिए वकील के जरिये आप केस नहीं कर सकते हैं।
v.OMBUDSMAN में शिकायत करने से पहले NBFC में शिकायत दर्ज कराना जरूरी है। 30 दिन बाद शिकायत रद्द या जवाब से सन्तुष्ट नहीं होने पर ही OMBUDSMAN में शिकायत कर सकते हैं।
vi. शिकायत दर्ज करने के समय सारे तथ्य सारे डॉक्यूमेंट साथ में होने चाहिए।
vi. शिकायत के बदले आपकी क्या माँग है इसकी लिखित जानकारी देनी होगी।
vii. शिकायतकर्ता की शिकायत सही पाने पर अवार्ड भी मिलेगा ( 1 लाख रुपए तक)
viii. 10 लाख से अधिक का मानहानि का दावा अस्वीकृत कर दिया जाएगा।
ix. एक केस पर दो बार सुनवाई नहीं होगी।