अंतिम दौर में सुनवाई, राम मंदिर पर फैसले को देखते हुए अयोध्या में धारा 144
नयी दिल्ली : देश के दशकों पुराने अयोध्या विवाद के फैसले की अंतिम घड़ी नजदीक आती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस अहम मामले की सुनवाई अब अपने अंतिम दौर में है। इसे देखते हुए अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है। दशकों पुराने इस विवाद पर 17 नवंबर को फैसला आ सकता है। यहां अहम है कि जिस दिन राम मंदिर विवाद पर फैसला आना है, उसी दिन देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी सेवानिवृत्त हो जायेंगे। यानी इस अहम मामले में फैसला सुनाने के बाद वे रिटायर होंगे।
दशहरा के सप्ताह भर के अवकाश के बाद आज सोमवार को संविधान पीठ में 38वें दिन इस मामले की सुनवाई फिर शुरू हुई। सुनवाई के लिए यह आखिरी हफ्ता होगा। फैसले का दिन निकट आते देख अयोध्या के जिलाधिकारी ने शहर में धारा 144 लागू कर दी है।
इस संवेदनशील मामले की सुनवाई के लिए 17 अक्तूबर अंतिम तिथि तय की गई है। इसके करीब एक महीने बाद 17 नवंबर तक इस पर फैसला सुनाए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है। मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने मध्यस्थता फेल होने के बाद छह अगस्त से मामले की प्रतिदिन सुनवाई शुरू की थी। पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।
पीठ ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम तय करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्तूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेगा। इसके बाद हिंदू पक्षकारों को अपना प्रत्युत्तर पूरा करने के लिए 16 अक्तूबर तक दो दिन का समय दिया जाएगा। 17 अक्तूबर को सभी पक्ष अपनी मांग के पक्ष में आखिरी दलील पेश करेंगे।