पटना : बारिश के बाद हुए जलजमाव में फंसे लोगों के लिए दो दिन से आसमान से सरकारी राहत गिरायी जा रही है। वायुसेना के चॉपर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के मकानों की छत पर फूड पैकेट गिरा रहे हैं। लेकिन, राहत के नाम पर रस्म अदायगी जारी है। जहां—तहां गिरने से पैकेट पानी में चला जा रहा है। इससे पैकेट रखे चुड़ा, मोमबत्ती, माचिस आदि भीगकर बर्बाद हो जा रहे हैं। लेकिन, उससे भी अधिक दु:ख की बात है कि सरकार द्वारा तैयार कराए गए फूड पैकेट में सड़े आलू और दुर्गंध वाला बजबजाता चुड़ा है, जो किसी काम का नहीं है। एक युवक का कहना था कि मान लेते हैं कि पानी में गिरने से माचिस व मोमबत्ती गिली हो गई है। लेकिन, सड़ा आलू व दुर्गंध वाला चुड़ा पैक कर बांटना मदद के नाम पर मजाक है।
भूतनाथ रोेड के इलाके में गिराए गए राहत सामग्री को खोलकर देखने पर यही बात सामने आयी। आसपास के कई पैकेटों को खोलकर देखा गया, अधिकतर पैकेट के सामान खराब हो चुके थे। राहत सामग्री के नाम पर खराब सामान बांटने पर पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि राहत कार्य के नाम पर सरकार खानापूर्ति कर रही है। जलजमाव में फंसे एक बुजुर्ग का कहना था कि यह पीड़ित लोगों का अपमान है। उन्हें पशु समान समझा जा रहा है।
उधर, दूसरी ओर स्वयंसेवकों की पीड़ा है कि एक तो सरकार के लोग राहत के नाम पर खराब सामान पहुंचा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भोजन—पानी आदि पहुंचाने से स्वयंसेवकों को मना भी किया जा रहा है। प्रशासन की ऐसी संवदेहीनता दुखद है।