स्मार्टफोन फिल्ममेकिंग; सिनेमा में मिलेगा रोजगार, अगर करेंगे ये काम

0
Inauguration of two day long Smartphone Filmmaking Workshop in Patliputra Cine Society. Prashant Ranjan, Prashant Ravi, DK Singh, Sanjeev Kumar (L-R)

सिनेमा के क्षेत्र में अगर गंभीरता पूर्वक व सही दिशा में परिश्रम किया जाए, तो इस क्षेत्र में रोजगार की बहुत अच्छी संभावनाएं हैं। डिजिटल तकनीक आने से फिल्म निर्माण आसान हो गया है। अब बस सही कंटेंट के साथ आज की तकनीक का तालमेल हो जाए, तो शानदार फिल्में हमारे सामने आ सकती हैं। उक्त बातें बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के परामर्शी डीके सिंह ने शुक्रवार को कहीं। वे पाटलिपुत्र सिने सोसायटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘स्मार्टफोन फिल्ममेकिंग कार्यशाला’ का उद्घाटन करने के बाद बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

Photography trainer Prashant Ravi gave presentation on light and frame technique

उन्होंने कहा कि पहले मोबाइल सिर्फ बात करने व मेसेज भेजने के लिए होते थे। लेकिन, अब स्मार्टफोन का जमाना है। इसके कैमरे की गुणवत्ता में दिन प्रति दिन बढ़ोतरी हो रही है। इसी का परिणाम है कि आज स्मार्टफोन फिल्ममेकिंग का कंसेप्ट सामने आ गया। भारत के अलावा अमेरिका व यूरोप में भी स्मार्टफोन फिल्ममेकिंग का चलन जोर पकड़ रहा है। ऐसे में पाटलिपुत्र सिने सोसायटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘स्मार्टफोन फिल्ममेकिंग कार्यशाला’ काफी महत्व रखती है।

swatva

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार भी राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में फिल्म नीति पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। आने वाले समय में भारतीय सिनेमा के चोटी के फिल्मकार बिहार में शूटिंग के लिए आएंगे। बिहार में फिल्म निर्माण को उद्योग का दर्जा देने पर विचार हो रहा है। इससे फिल्म निर्माण के वित्तीय मामले में फिल्मकारों को सहुलियत मिलेगी।

कार्यशाला में आए छायांकन के प्रशिक्षक प्रशांत रवि ने उद्घाटन के बाद सत्र की शुरुआत की और प्रतिभागियों को शूटिंग के वक्त प्रकाश व्यवस्था, शैडो, फोकस, फ्रेम, कंपोजिशन, कलर टेंपरेचर आदि की बारीकियों को व्यूजुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया।

Cinematographer Pawan Singh Rathore explained techniques of video shoot

सिनेमैटोग्राफर पवन सिंह राठौर ने स्मार्टफोन की मदद से स्मूद वीडियो शूट करने के तरीके बताए। उन्होंने पैन, टिल्ट, जूम, ट्रैक, डॉली आदि जैसे वीडियो शूट की तकनीक के बारे में विस्तार से बताया।

इससे अवसर पर संपादक संजीव कुमार, संयोजक प्रशांत रंजन, कार्यशाला प्रभारी अभिलाष दत्त समेत दर्जनों प्रतिभागी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here