पटना : राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे तो बहुत हो रहे हैं। लेकिन, हकीकत इस दावे को मुंह चिड़ा रहे हैं। राज्य सरकार के नाक के नीचे यानी बिहार सचिवालय के पास बेली रोड पर स्ट्रीट लाइट तक नहीं जलती है। तस्वीर में विकास के सामने लगी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है, जबकि यह तस्वीर रात आठ बजे ली गई है, जब इस सड़क पर घर लौटने वालों की भीड़ रहती है।
सड़क से गुजर से राहगीर कहते हैं कि सरकार एक स्ट्रीट लाइट तो ढंग से लगा नहीं सकती, शहर को स्मार्ट कैसे बनाएगी? सचिवालय के पास वाली सड़क पर जब ढंग से स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही हो, तो शहर के दूरस्थ क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
पटना शहर में स्ट्रीट लाइटों का खेल गजब का है। हर 6 महीने या साल भर में नए सिरे से स्ट्रीट लाइट लगाए जाते हैं। चार दिन की चांदनी, फिर अंधरी रात वाली कहावत के तर्ज पर नई—नवेली लाइट धीरे—धीरे टिमटिमाने लगती हैं और फिर सदा के लिए बंद हो जाती हैं। जब अधिकर इलाकों के स्ट्रीट लाइट ठप हो जाते हैं, तो फिर नए सिरे से स्ट्रीट लाइट लगाने का टेंडर जारी होता है। इस प्रकार यह क्रम थोड़े अंतराल पर रिपीट होता रहता है।