नयी दिल्ली : मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर में ” बौद्ध एवं हिन्दू धर्म की पहल: वैश्विक संघर्ष का परिहार एवं पर्यावरण चेतना” विषय पर 6-7 सितम्बर, 2019 से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व दलाई लामा द्वारा प्रदत्त भगवान बुद्ध की मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उद्घाटन मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने किया।
इस सम्मेलन को आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर एवं पूज्य अवधेशानन्द गिरि समेत दो दर्जन से ज्यादा बौद्ध देशों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न सत्रों में संबोधित किया।
भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार एवं केंद्र सरकार बोधगया को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने तथा भारत व बौद्ध देशों के बीच एक सभ्यता की कड़ी के रूप में विकसित करना चाहती है। राज्य सरकार 145 करोड़ की लागत से 2,500 की क्षमता का ऑडिटोरियम व सांस्कृतिक परिसर बोधगया में निर्माण कर रही है जो बौद्ध सांस्कृतिक केंद के नाम से जाना जाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध जिन स्थानों पर ठहरे, जिस मार्ग से यात्रा की, तपस्या की, उन स्थानों को 101.41 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा। भारत सरकार ने भी 2019 के बजट में बोधगया सहित देश के 17 पर्यटक स्थलों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करने की घोषणा की है।
उद्धघाटन सत्र को भारत के प्रधानमंत्री मोदी एवं 14वें दलाई लामा ने विडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा संबोधित किया। जापान के प्रधानमंत्री का सन्देश भी पढ़ कर सुनाया गया।