संविधान की मूल प्रति से समझें संवैधानिक राष्ट्रवाद : कानून मंत्री

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पटना : केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के संवैधानिक राष्ट्रवाद को यदि समझना है तो संविधान की मूल प्रति को देखना चाहिए जिस पर संविधान सभा के अध्यक्ष एवं अन्य समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। संविधान की मूल प्रति की छाया प्रति दिखाते हुए उन्होंने कहा संविधान की प्रस्तावना से लेकर इसके विभिन्न अध्याय के प्रारंभ में भारत की सनातन परंपरा से जुड़े हुए चित्र अंकित हैं। यह चित्र भारत के संविधान की मूल प्रकृति एवं भारत राष्ट्र की परिकल्पना को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि किस संविधान की प्रस्तावना वाले पन्ने पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के दरबार का चित्र अंकित है।
श्री प्रसाद ख्यात चिकित्सक राष्ट्रवादी चिंतक डॉ एसएन आर्या की सद्य प्रकाशित दो पुस्तकों का रविवार को अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान सभागार में लोकार्पण कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ आर्य द्वारा लिखित इंडिया फर्स्ट एवं नो योर ग्रैंड डेड इंदु पुस्तकों में उनके राष्ट्रवादी चिंतन भारत की संस्कृति की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि डाक्टर आर्य ने अपने विचार के साथ कभी समझौता नहीं किया। इसी कारण इन्हें जेल भी जाना पड़ा।
समारोह की अध्यक्षता सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि डॉ एस एन आर्या का जीवन राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान वे एक बंदी के तौर पर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में थे। अधिकारियों ने डॉक्टर आर्या पर अनैतिक दबाव डालते हुए हुए कहा कि बीमारी के बावजूद वह मुझे स्वस्थ घोषित कर दें ताकि मुझे जेल भेजा जा सके लेकिन डॉक्टर आर्य अधिकारियों के अनैतिक दबाव के आगे नहीं झुके।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि डॉ आर्य बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। चिकित्सक होते हुए भी इन्होंने समाज और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। पुस्तक के लेखक डॉ एस एन आर्या ने कहा कि इंडिया फर्स्ट पुस्तक में मेरे सपने अंकित है। उन्होंने कहा कि जिस दिन संसद में कश्मीर से संबंधित धारा 370 ध्वस्त हो रहा था, मुझे लगा कि मेरे सपने अब साकार हैं। समारोह में आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद, पटना एम्स के निदेशक डॉक्टर पीके सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव रंजन ने किया। वातायन प्रकाशन ने डॉक्टर एस एन आर्या की पुस्तक इंडिया फर्स्ट प्रकाशित की है। धन्यवाद ज्ञापन वातायन प्रकाशन के राजेश शुक्ल ने किया।

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