महागठबंधन में एक नहीं कई नेता
पटना : महागठबंधन में कई नेता हैं। जितनी पार्टियां, उतने नेता। अब सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ही नेता नहीं रहे। सबसे पहले पार्टी के भीतर से ही तेजस्वी के खिलाफ उठे स्वर ने बयां कर दिया था कि अकेले उनके बूते महागठबंधन क्या राजद की नैया भी पार करने वाली नहीं।
शिवानन्द तिवारी ने तो उन्हें कई बार नेतृत्व संभालने और जुझारू होने की नसीहत भी दी। पर, वे सुस्त और पराजित योद्वा के रूप में ललकारने पर भी उठ नहीं रहे। तेजप्रताप से ही उनकी प्रतिद्वंद्विता है कि आखिर राजद का असली नेता कौन ? लालू प्रसाद यादव का असली वारिस कौन? इसको लेकर भी घर में ही द्वंद्व मचा है।
इधर, पार्टी प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि पार्टी में सब ठीक-ठाक है। कहीं कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कहते हैं कि महागठबंधन अपना नेता खुद चुंन लेगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं एक नेता हैं। वीआईपी के नेता मुकेश सहनी कहते हैं कि वे स्वयं मुख्यमंत्री के एक दावेदार हैं। कांग्रेस ने भी कह दिया कि हम तेजस्वी को नेता नहीं मानते।