बाढ़ को जिला बनाने के लिए 9 अगस्त को राजभवन तक मार्च
बाढ़ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में कोई नया जिला और अनुमंडल नहीं बनाए जाने की घोषणा पर बाढ़ अनुमंडल के लोगों को फिर एक बार जोरदार झटका लगा है। स्थानीय लोगों विशेषकर युवाओं में बाढ़ को जिला बनाए जाने का मुद्दा गरमाने लगा है। बाढ़ अनुमंडल को जिला बनाए जाने को लेकर आंदोलन फिर जोर पकड़ लिया है। सर्वविदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ को जिला बनाने तथा टाल क्षेत्र का मास्टर प्लान को लागू कराने की स्थानीय लोगों की मांग को पूरा कराने के नाम पर लोकसभा क्षेत्र के नये परिसीमन के पूर्व बाढ़ लोकसभा से लगातार पांच बार जीत कर केंद्र सरकार में कई विभागों में मंत्री भी रहे और बिहार के मुख्यमंत्री भी हैं पर अब तक न तो बाढ़ को जिला बन सके और न ही टाल मास्टर प्लान को लागू किया। मुख्यमंत्री ने अपनी एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बिहार में जब मेरी सरकार बनेगी तो विधान सभा की पहली कैबिनेट की बैठक में ही बाढ़ को जिला बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया जायेगा।
जब-जब लोकसभा या विधान सभा चुनाव का समय निकट आता है तब जिला और टाल का मुददा गरमाने लगता है। स्थानीय लोगों द्वारा बर्ष 1972 के निवर्तमान मुख्यमंत्री स्व० केदार पांडेय के कार्यकाल से बाढ़ को जिला बनाये जाने की आंदोलन शुरू किया था तो निवर्तमान मुख्यमंत्री स्व० पांडेय के कार्यकाल में ही राज्य में नवसृजित किये गये 12 जिलों में बाढ़ का नाम भी था। पर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के कारण बाढ़ जिला नही बन सका। बाढ़ अनुमंडल के लोगों को बाढ़ को जिला बनाये जाने के आश्वासन पर यहां से कई राजनेता यहां से अपनी जीत सुनिश्चित कर विधान सभा में प्रतिनिधित्व करते रहे पर चुनाव खत्म होते ही बाढ़ जिला का मुद्दा ठंढे बस्ते में डाल दिया गया। निवर्तमान मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल में भी बाढ़ को जिला बनाने के नाम पर हाई वोल्टेज का ड्रामा किया गया तथा 15 अगस्त 1993 को निवर्तमान जिलाधिकारी पटना द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर बाढ़ को जिला बना दिया गया और एक सप्ताह के अंदर बाढ़ जिला के अधिसूचना को राज्य सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया। इसको लेकर निवर्तमान क्षेत्रीय प्रतिनिधि विजयकृष्ण ने अपना इस्तीफा दिया और उनका इस्तीफा राज्य सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया।
बाढ़ को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार प्रदर्शन, धरना, अनशन व आमरण अनशन किया पर परिणाम शून्य रहा। स्थानीय लोगों द्वारा चुनाव के समय ‘जिला नहीं तो वोट नहीं’ का आवाज बुलंद किया। राजनैतिक दलों के प्रत्याशी ने इसका आश्वासन दिया। पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में कोई नये जिले या अनुमंडल नहीं बनाए जाने की घोषणा से यहां के लोगों में पुनः बाढ़ को जिला बनाये जाने का मुददा गरमाने लगा है। मुख्यमंत्री के इन घोषणाओं के बाद एनडीए गठबंधन के कार्यकर्ता भाजपा उपाध्यक्ष राजेश कुमार राजू के नेतृत्व में अनुमंडल मुख्यालय पर सर्वदलीय एक दिवसीय धरना दिया गया था और अब बाढ़ को जिला बनाए जाने को लेकर भाजपा उपाध्यक्ष के नेतृत्व सत्येंद्र कुमार सिंह, पंकज शर्मा, सुरेशचन्द्र प्रसाद सिंह, प्रो०साधु शरण सिंह सुमन, डब्लू कुमार सिंह, मंजीत, विक्की, मन्टू कुमार, राजीब, गौतम, दीपक, केशव, रुस्तम सिंह, संजीव, मुकेश, रबिन्द्र सिंह, धनंजय सिंह, आशुतोष कुमार सिंह, विवेक विशाल, संजीत कुमार, रमेश तिवारी, शिक्षक बबलू सहित कई क्षेत्रीय लोग 9 अगस्त को सुबह बाढ़ अनुमंडल से पैदल मार्च सीधे राजभवन पटना के लिये करेंगे और महामहिम राज्यपाल से बाढ़ को तत्काल जिला बनाने से संबधित ज्ञापन भी देंगे।
सत्यनारायण चतुर्वेदी