पटना/दिल्ली : कर्नाटक की नई सरकार टीपू सुल्तान की जयंती नहीं मनाएगी। हां, यदि कोई व्यक्ति या गैर सरकारी संस्था टीपू सुलतान की जयंती मनाती है तो उस पर भी सरकार रोक नहीं लगाएगी। दो दिन पूर्व प्रभाव में आयी कर्नाटक की नयी सरकार के इस निर्णय का कांग्रेस एवं जेडीएस ने विरोध किया है। हलाकि, येदियुरप्पा सरकार के इस निर्णय को लेकर पूरे कर्नाटक में समर्थन भी हो रहे हैं। सरकार के इस निर्णय के बाद कर्नाटक प्रशासन ने टीपू सुल्तान की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक बोपैया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर टीपू सुलतान की जयंती पर सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन का विरोध करते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। कर्नाटक में बड़ी जनसंख्या 18 वीं शतारब्दी में मैसूर हिंदुओं पर अत्याचार के लिए टीपू को जिम्मेदार मानती है। वर्ष 2015 में कांगेेस सरकार ने कर्नाटक में हर साल टीपू सुल्तान की जंयती मनाने का निण्रय लिया था। सरकार के इस निर्णय का कर्नाटक में भारी विरोध हुआ था। कांग्रेस की सरकार पर मुसलिम तुष्टिकरण का आरोप भी लगाया गया था। विरोध करने वाला वर्ग टीपू सुल्तान को हिंदूविरोधी शासक मानती है।
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