बीपीएससी के नए कारनामे से सोशल मीडिया ‘गरम’, क्या है मामला?

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पटना : रविवार 14 जुलाई को हुई बीपीएससी 64वीं की मुख्य परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को लेकर बिहार में तूफान मच गया है। राज्यपाल की भूमिका को लेकर बीपीएससी ने परीक्षा में प्रश्न पूछा कि ‘क्या बिहार के राज्यपाल कठपुतली हैं’? इसी प्रश्न को लेकर आज सोमवार को सोशल मीडिया पर बीपीएससी की कटु आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोलिंग शुरू हो रही है।

बताया जाता है कि उक्त सवाल बीपीएससी मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के द्वितीय पेपर में पूछा गया। प्रश्न यूं पूछा गया था— ‘भारत में राज्य की राजनीति में राज्यपाल की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। विशेष रूप से बिहार के संदर्भ में। क्या वह केवल एक कठपुतली है? इससे पहले भी बीपीएससी द्वारा ऐसे प्रश्न आते रहे हैं, जिन्हें लेकर उसकी पूर्व में काफी आलोचना हुई थी।

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इधर छात्रों में इस सवाल को लेकर दो तरह की बातें कही जा रही हैं। एक पक्ष तो इसे सही ठहरा रहा है क्योंकि भारतीय संविधान में ही ऐसी प्रावधान हैं जिनके तहत राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के कार्यपालक अधिकार काफी सीमित हैं। पटना में बीपीएससी के अभ्यर्थी विमल जी ने कहा कि ऐसे में उन्हें कठपुतली कहा जाना हकीकत को स्वीकार करना माना जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ छात्रों और प्रबुद्धजनों का एक वर्ग है जो बीपीएससी के इस कृत्य को संवैधानिक मर्यादा के हनन का मामला बताकर सोशल मीडिया पर उसकी आलोचना में जुटा हुआ है।

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