पटना : बिहार विधानमंडल के सेंट्रल हाॅल में आयोजित ‘राज्य में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाजनक स्थिति पर विमर्श’ पर 8 घंटे तक हुई चर्चा के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक असर गरीबों, महिलाओं व कृषि प्रक्षेत्र पर पड़ रहा है। भारत सरकार के निर्देश पर जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर राज्य कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिससे 10 विभाग कृषि, मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, नगर विकास, परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, उद्योग व खनन आदि सम्बद्ध हैं। बिहार में पर्यावरण व वन विभाग का नाम पहले ही बदलकर ‘पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन’ विभाग कर दिया गया है।
मोदी ने कहा कि भारत सरकार के ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत बिहार के 12 जिलों के 30 प्रखंड को शामिल किया गया था, जिसे मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के सभी 38 जिलों में विस्तारित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने पहले ही सभी जलस्रोतों को चिन्हित व उनकी पहचान कर उनके पुनस्र्थापन और उड़ाही का निर्णय लिया है।
बिहार में 01 से 15 अगस्त के बीच ‘वन महोत्सव’ का आयोजन कर सघन पौधारोपण के तहत 1.75 करोड़ पौधे लगाए जायेंगे। इस दौरान ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत 50 लाख व वन विभाग अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत 1.25 करोड़ पौधरोपण करेगा। जितने भी पौधे लगाए जायेंगे वे 4 फीट लम्बे और 2 वर्ष पुराने होंगे। शहरी क्षेत्रों में गैबियन के बीच पौधे लगाए जायेंगे तथा बाद में भी उनकी देखरेख व पानी देने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने निर्णय लिया है कि सड़क व अन्य निर्माण के दौरान अब कोई पेड़ काटा नहीं जायेगा। पटना के सगुना मोड़ के पास एक एजेंसी के माध्यम से पेड़ों के प्रत्यारोपण का प्रयोग किया जा रहा है।