पटना : बैंकों के राष्ट्रीयकरण का 50वां सालगिरह बुधवार को पटना स्थित बीआईए में मनाया गया। इस मौके पर राष्ट्रीयकृत बैंक के सैंकड़ों कर्मचारी मौजूद थे। इसका आयोजन बिहार प्रोवोनिकल एम्प्लाइज एसोसिएशन ने किया था। इस मौके पर आए मुख्य अतिथि भाजपा एमएलसी डॉ. संजय पासवान ने सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) और सार्वजनिक बैंक (पीएसबी) बचाने की बात कही।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. पासवान ने कहा कि निजीकरण से देश को सिर्फ नुकसान है। निजीकरण से नुकसान पूरे राष्ट्र का होता है, जबकि फायदा कुछ खास लोगों को ही। उन्होंने सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि सरकार डिजिटाइजेशन कर बैंकों में संख्याबल कम करना चाहती है, ताकि उनके खिलाफ कोई आवाज़ न उठा सके। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बैंक वालों से बैंकिंग के अलावा सारे काम करवा रही है। उन्होंने बैंक कर्मचारियों को अपने काम के एवज में उचित मजदूरी की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि किसी भी कीमत पर सरकार को बैंको को निजी हाथों में नहीं देने देंगे और 100वां सालगिरह भी मनाएंगे।
इस संघ के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण इस देश के आमजन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1969 में 14 बैंकों को राष्ट्रीकृत करवाया, जिसके बाद क्लास बैंकिंग मास बैंकिंग में परिवर्तित हुआ। इससे देश में इस क्षेत्र में रोजगार बढ़े थे। पर, अभी की सरकार इसे निजी हाथों में सौंपकर देश को कंगाल बनाना चाहती है। एनपीए को इन्होंने बैंकों के लिए एक गंभीर समस्या बताया।
बीडी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों के लाभ का उपयोग आमजन के कार्यों में किया गया। इन्होंने भी कहा कि बैंकों के सुधार के नाम पर सरकार इसे निजी हाथों में देकर बर्बाद करना चाहती है।
इस मौके अन्य मंचासीन लोगों ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम का समापन ‘सेव नेशनलाईजेशन, सेव इकॉनमी’ के नारे के साथ हुई।
(सुचित कुमार)