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बाढ़ को जिला बनाने के लिए एक दिवसीय अनशन

बाढ़ : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में नए जिले या अनुमंडक नहीं बनाए जाने की घोषणा  को लेकर बाढ़ अनुमंडल के लोगों में एक बार फिर काफी उथल-पुथल मच गयी है। राज्य गठनकाल के बने अनुमंडल ‘बाढ़’ को जिला बनाए जाने की मांग बर्ष 1972 से निवर्तमान मुख्यमंत्री स्व० केदार पांडेय के कार्यकाल से लंबित है और मुख्यमंत्री स्व० पांडेय के कार्यकाल में ही 12 नवसृजित जिला बनाए जाने की सूची में था, पर उन दिनों में भी कई नए जिले बनाये गये और ‘बाढ़’ को जिला नहीं  बनाया गया। जिला बनाए जाने की मांग को लेकर स्थानीय जनता ने कई सांसद एवं विधायक को अपना जनप्रतिनिधि चुन कर संसद और विधान सभा में भेजा। लेकिन ‘बाढ़’ जिला अब तक नहीं  बन सका। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में नए जिले या अनुमंडल बनाये जाने की बात सिरे से खारिज किए जाने के बाद अनुमंडल के लोगों में काफी आक्रोश देखी जा रही है और जिला बनाये जाने की मांग को लेकर शनिवार को अनुमंडल मुख्यालय परिसर में सर्वदलीय एक दिवसीय अनशन किया गया तथा अपनी ही सरकार के विरुद्ध में भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेश कुमार राजू ने समर्थकों एवं अन्य दलों के लोगों के साथ अनशन शुरू किया। इस एक दिवसीय आंदोलन में काफी संख्या में स्थानीय लोग भी पहुंचे। इस दौरान भाजपा नेता ने कहा कि कई बार बाढ़ अनुमंडल को जिला बनाने के लिये स्थानीय लोगों द्वारा मांग की गई है, लेकिन इस मांग को पूरा करने में सरकार विफल रही है। इसके कारण इस क्षेत्र का प्रशासनिक और सामाजिक विकास अवरुद्ध हो गया है। सरकार तक बात पहुंचाने के लिए अनशन कार्यक्रम शुरू किया गया है। ज्ञात हो कि ‘बाढ़’ को जिला बनाए जाने को लेकर निवर्तमान राजद सरकार के कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और पूर्व क्षेत्रीय विधायक व पूर्व कबीना मंत्री विजय कृष्ण के बीच हाई वोल्टेज का ड्रामा हुआ जो सर्वविदित है। जब-जब लोकसभा या विधानसभा का चुनाव निकट आता है तो ‘बाढ़’ जिला का मुददा गरमाने लगता है फिर चुनाव खत्म मुददा खत्म। इसके पूर्व भी बर्षों पूर्व ‘बाढ़’ को जिला बनाये जाने को लेकर अनुमंडल मुख्यालय पर ही पूर्व जद(यू)प्रखंड अध्यक्ष ने भी आमरण अनशन किया था, पर जिला का मुददा टांय-टांय फिस्स हो कर रह गयी।

सत्यनारायण चतुर्वेदी  

swatva

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