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16 घंटे तक रेप पीड़िता बच्ची को मेडिकल के लिए दौड़ाया, शर्म करो नवादा सदर अस्पताल!

नवादा : राज्य में सरकारी अस्पतालों की संवेदनशीलता मर गई है। हम मुजफ्फरपुर की बात नहीं कर रहे। मामला नवादा के सदर अस्पताल का है जहां रेप पीड़ित एक नाबालिग बच्ची को मेडिकल जांच के लिए वहां तैनात डाक्टर 16 घंटों तक इधर—उधर दौड़ाते रहे। उक्त शर्मनाक वाकया सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन लीपापोती में जुट गया है।

अस्पताल में बैठी रही मासूम, जिम्मेदारी टालते रहे डाक्टर

जानकारी के अनुसार यहां 16 घंटे से भी अधिक समय से जांच के लिए आई हुई रेप पीड़िता भटकती रही, लेकिन मेडिकल जांच नहीं हो पायी। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि बुधवार की रात से उनको अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए महिला थाना के पुलिसकर्मियों के साथ लाया गया। लेकिन जांच के लिए तब से नवाद सदर अस्पताल के डॉक्टर एक दूसरे के पास दौड़ाते रहे। पूरे 16 घंटे के इंतजार के बाद दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग बच्ची की मेडिकल जांच हुई। वह भी पीड़िता के परिजनों के हाथ-पैर जोड़ने के बाद।

सीतामढ़ी थानांतर्गत एक गांव में हुआ रेप

दरअसल नवादा सदर अस्पताल में दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को महिला थाना पुलिस मेडिकल जांच के लिए लेकर आई थी। लेकिन बच्ची की जांच पूरे 16 घंटे के इंतजार के बाद हुई। बताया जा रहा है कि बच्ची को लेकर आई महिला पुलिस और उसके परिजनों के बार-बार कहे जाने के बाद भी डॉक्टरों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और अगले दिन उसकी जांच की गई।
वहीं जब इस बावत महिला डॉक्टर से इस बारे में पूछा गया तो जवाब भी हैरतअंगेज मिला। डॉक्टर का कहना था कि बच्ची को कोई दिक्कत होती तो दवा दिया जाता। 16 घंटे के बाद अगले दिन सुबह में पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराया गया। विदित हो कि जिले के सीतामढ़ी थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई थी।
पीड़िता की मां ने बताया कि वह खेत में काम करने गई हुई थी। बच्ची घर में अकेली थी। इसका फायदा उठाकर हीरालाल नामक पड़ोसी उसके घर में प्रवेश कर गया। उसने बच्ची को कुछ खाने का प्रलोभन दिया और उसे अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। खेत से काम कर लौटने पर बच्ची ने मां को घटना के बारे में बताई।
जिसके बाद महिला बच्ची को लिए थाना पहुंची और पड़ोसी हीरालाल के खिलाफ मामला दर्ज कराया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।