नवादा : जुलाई महीने की 15 -16 तारीख यानी गुरु पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण खण्डग्रास चंद्रग्रहण होगा। चंद्रग्रहण की अवधि 2 घंटे 59 मिनट रहेगी। 15-16 जुलाई की रात 1.31 बजे से प्रारंभ होकर तड़के 4.30 बजे समाप्त हो जाएगा।
ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले यानी शाम 4 बज कर 31 मिनट से सूतक लग जाएगा। यह पूरे भारत के अलावा कई और देशों में भी दिखाई देगा।
चन्द्रग्रहण, पृथ्वी जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, तब पृथ्वी चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य किरणों को रोकती है। इससे चन्द्रमा पर सूर्य की रौशनी नहीं पहुँच पाती और चन्द्रमा प्रथ्वी की परछाई से ढक जाती है। इसे ही चंद्रग्रहण कहा जाता है।
ज्योतिष की नजर में ग्रहण
धनु में लगे ग्रहण के समय कर्क, तुला, कुंभ व मीन और मकर में लगे ग्रहण के समय मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों को लाभ होगा। बाकी राशि वालों को श्री गणेश कथा, सुंदर कांड और श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ अवश्य करवा लेना चाहिए। गणेश, शिव, श्रीहरि, कुल देवी-देवता सहित अपने इष्टदेव के मंत्र का जाप ग्रहण काल में और ग्रहण काल के बाद कई महीनों तक विधि-विधान से करना चाहिए। मंत्र जाप और दान, पूजा इस दौरान विशिष्ट फल प्रदान करते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
यदि चंद्रमा जन्मकुंडली में सबसे कमजोर राशि वृश्चिक में है, तो चंद्र मंत्र का जाप करें। चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव जरूर करें। स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराके उनकी पूजा करें। संभव हो, तो ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें। अगर निकलना जरूरी हो, तो गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा हेतु चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप अवश्य कर लें। सूतक लगने से पहले घर के अनाज आदि में तुलसी या कुश अवश्य डाल दें। ग्रहण काल के दौरान भगवान के नाम की जाप करें।