पुलिस पर गोली चलाने व अन्य मामले में पटना पुलिस द्वारा वांक्षित सुनील यादव के अरेस्ट होते पटना पुलिस का इकबाल कुछ लौटता-सा दिखने लगा है। उसे रविवार को ही महाबलीपुर से हथियारों के जखीरा के साथ धर दबोचा गया है। कुछ ही वर्षों में अर्श से फर्श तक छूने वाला सुजीत यादव रेड गोल्ड अर्थात बालू से इतनी दौलत कमायी कि कानून भी उसके सामने बौना पड़ने लगा था। पालीगंज के महाबलीपुर में सोन बालू की बन्दोबस्ती कर इसने अवांक्षित तत्वों की एक फौज ही खड़ी कर ली थी। सुनील जब पालीगंज से पटना के लिए चलता था तब इसके साथ लग्जरी गाड़ियों का काफिला में दर्जनों युवक होते थे।
सुनील यादव की गाड़ी रूकती थी या तो सांसद मीसा भारती के पास अथवा तेजप्रताप यादव के सरकारी आवास पर। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से भी गहरे रिश्ते हैं। इस तथ्य की तस्दीक करती है दर्जनों तस्वीरें जो लालू परिवार की उसकी सन्निकटता को दर्शाती है। इसने हाल ही में अपने समर्थकों को वीडियो के माध्यम से मेसेज भेजा था कि पुलिस डरने की बात हीं है। वह वीडियो पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी हाथ लग गया था। वीडियो देखते ही पुलिस अधीक्षक ने उसके पुराने कांडों के आधार पर दबोचने का निर्देश जारी किया था।
दौलत और रसूख के बल पर उसने राजनीति के गलियारे में अपनी धमक बना ली थी। क्षेत्र में उसकी हनक ऐसी थी कि कथित संभ्रांत उसको देखते अलग हट जाते थे। उसे राजद के कई नेताओं ने 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट का आश्वासान दे दिया था। यही कारण है कि वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता था। लोग बताते हैं कि कभी वह महाबलीपुर से पालीगंज तक सायकिल से आता था। पर, अचानक पांच साल पहले जैसे उसे कुबेर का खजाना हाथ लग गया। लोगों को पता ही नहीं चला कि रातोंरात वह खजाने में सैर करने लगा। पालीगंज से पटना तक उसने दर्जनों भूखंड खरीदे और असलहों का जखीरा। गाड़ियां तो वह बदलता है जैसे कोई कपड़ा बदलता हो।
बहरहाल, उसके असलहों सहित अन्य कनेक्शन की पड़ताल पुलिस कर रही है। संभवत: उसका मामला ईडी में भी दिया जाए।