ट्रेनों में एचओजी लगने से पावरकार से छुटकारा, रेलवे को पैसे की बचत, यात्रियों को ये लाभ
हाजीपुर : पूर्व मध्य रेल की एलएचबी कोचों से परिचालित होने वाली 10 जोड़ी गाड़ियों में हेड आॅन जेनरेशन सिस्टम (एचओजी) लगा दिया गया है। इसका मतलब हुआ कि एचओजी लगी गाड़ियों को पावर कार से छुटकारा मिल गया है। इससे पूर्व मध्य रेल को डीजल के मद में होने वाली व्यय से 01 करोड़ रूपये प्रतिमाह की बचत हो रही है।
इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क (सीपीआरओ) अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि एचओजी सिस्टम में उन्हीं ट्रेनों में लागू किये गये हैं जो अपने प्रारंभिक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक पूरे मार्ग में विद्युत इंजन से परिचालित किये जा रहे हैं। एचओजी सिस्टम में ट्रेनों के कोच में बिजली की सप्लाई विद्युत इंजन से ओएचई से पैंटोग्राफ द्वारा प्राप्त बिजली का ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर और लोड कनवर्टर के माध्यम से की जाती है जहां इसका उपयोग कोच में लाइट, पंखे, एसी आदि के लिए किया जाता है ।
एचओजी सिस्टम से कोचों में बिजली सप्लाई के निम्नलिखित लाभ हैं :
1. पावर कार से छुटकारा मिलता है जिससे जेनरेटर में खपत होने वाले बहुमूल्य डीजल की बचत होती है।
2. पावर कार से छुटकारा मिलने से पावर कार की जगह यात्रियों हेतु एक अतिरिक्त कोच लगाया जा रहा है।
3. पावर कार से छुटकारा मिलने से जेनरेटर से होने वाले वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण कम करने में सहायक हो रही है।
पूर्व मध्य रेल में एचओजी सिस्टम से युक्त रेक से परिचालित होने वाली ट्रेनें :
1. गाड़ी संख्या 12309/10 राजेन्द्रनगर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस
2. गाड़ी संख्या 12393/94 राजेन्द्रनगर-नई दिल्ली संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस
3. गाड़ी संख्या 13257/58 दानापुर-आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस
4. गाड़ी संख्या 13237/13238/13239/13240 पटना-कोटा एक्सप्रेस
5. गाड़ी संख्या 12397/98 गया-नई दिल्ली महाबोधि एक्सप्रेस
6. गाड़ी संख्या 12553/54 सहरसा-नई दिल्ली वैषाली एक्सप्रेस
7. गाड़ी संख्या 15279/80 सहरसा-आनंद विहार पुरबिया एक्सप्रेस
8. गाड़ी संख्या 12567/68 सहरसा-पटना राज्यरानी एक्सप्रेस
9. गाड़ी संख्या 13205/06 सहरसा-पाटलीपुत्र जनहित एक्सप्रेस
10. गाड़ी संख्या 13307/08 धनबाद-फिरोजपुर गंगा सतलज एक्सप्रेस
(सुजीत सुमन)