पटना : नीति आयोग की रिपोर्ट में देश में डॉक्टरों और नर्सों की भारी कमी बतायी गयी है। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रो में नर्सों की ज्यादातर पोस्ट खाली है। रिपोर्ट में कर्नाटक में 34 फीसदी तो बिहार में 60 फीसदी नर्सों की पोस्ट खाली है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से तैयार नीति आयोग की इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के मोर्चे पर पिछड़े बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा एक नयी तुलनात्मक रिपोर्ट में पहले से अधिक फिसड्डी साबित हुए है। वहीं हरियाणा, राजस्थान और झारखंड अपने को हेल्दी राज्य के रूप में स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
2019 क्या कहता हैं नीति आयोग की नीति आयोग की रिपोर्ट
2018 में पहली रैंकिंग जारी की थी। तब भी केरल पहले पायदान पर बतौर सबसे हेल्दी राज्य था। बड़े राज्यों में हरियाणए राजस्थान और झारखंड ने पिछली बार की तुलना में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। छोटे राज्यों में मिजोरम सबसे आगे रहा और त्रिपुरा और मणिपुर ने भी रैंकिंग में सुधार किया है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश उत्तराखंड और ओडिशा ओ श्रेणी की राज्य हैं।
नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार, उत्तर प्रदेश निचले पैदान पर
सरकार की थिंक टैंक नीति आयोग ने स्टेट हेल्थ रैंकिंग जारी किया है। इस रैंकिंग के जरिए नीति आयोग ने देश के बड़े या छोटे राज्य, यूनियन टेरिटरी में स्वास्थ्य की क्या स्थिति है। इस रैंकिंग में केरल ने बाजी मारी है और देश में नंबर वन हेल्दी राज्य बनगया है, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश निचले पयदान पर हैं। इससे पहले नीति आयोग ने फरवरी 2018 में पहली रैंकिंग जारी की थी तब भी केरल पहले पायदान पर बतौर सबसे हेल्थी राज्य रहा था। नीति आयोग हेल्थ मिनिट्री के साथ मिलकर 23 अलग-अलग पैमानों पर राज्यों का आकलन करता है। जिसके आधार पर स्टेट हेल्थ रैंकिंग जारी की जाती है।
5 राज्यों में 40 फीसदी से ज्यादा पद खाली
5 राज्यों में 40 फीसदी से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। पश्चिम बंगालए झारखंडए मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में भारी संख्या में पद खाली हैं। उत्तराखंड में 70 फीसदी तो छत्तीसगढ़ में 57 फीसदी पद खाली हैं। केरल में महज 25 फीसदी ही सीट खली हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी 26 फीसदी पद खाली हैं।
सरकारी अस्पतालों का हाल बेहाल
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टॉफ और नर्स की भारी कमी हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक 5 राज्यों में 40 फीसदी मेडिकल स्टॉफ के पद खाली हैं। जिसमें बिहार भी शामिल है, झारखंड में 54 फीसदी और दिल्ली में 46 फीसदी पद खाली पड़े हैं। जिला अस्पतालों में भी डॉक्टरों की भारी कमी हैं। केवल 3 राज्य ऐसे हैं जहां 20 फीसदी से कम वेकेंसी हो केरल तमिलनाडु और पंजाब की हालत ठीक है। नहीं तो सभी राज्यों का बुरा हाल है। छत्तीसगढ़ में 70 फीसदी उत्तराखंड में और बिहार में 68 और 59 फीसदी डॉक्टर के पद खाली हैं। आंध्र प्रदेश में तो 70 फीसदी और राजधानी दिल्ली में 40 फीसदी विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े है।
वंदना कुमारी