पटना : राजद के शहजादे व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पार्टी को खबर दी है कि वे शीध्र ही बिहार पहुंच कर मुजपफरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की खैर-खबर लेंगे तथा मृतक बच्चों के परिजनों से भी मिलेंगे। अर्थात लंबे समय से गुमनाम गलियों में रहने के बाद पाॅलिटिक्स में कमबैक करेंगे। लेकिन, सवाल ये है कि लोकसभा चुनाव में सभी सीटों को गंवाने के बाद वे राजनीति में कितना बैक-बाउंस करेंगे, कहना मुश्किल है। कारण-पार्टी के सीनियर लीडर उनकी गुमनामी को लेकर चिंतित भले न हों, आक्रोशित जरूर हैं।
आक्रोश में बदली राजद के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी
पार्टी के सीनियर नेताओं की नाराजगी आक्रोश में बदल कर दोराहे पर जा खड़ी हुई है। लालू प्रसाद की विरासत को देखने वाले उनके दोनों बेटों, तेजस्वी और तेजप्रताप पर पक्ष और विपक्ष दोनों की नजरें टिकी हैं। खासकर, चमकी बुखार की त्रासदी झेल रहे बिहार में उन दोनों से पार्टी को नेतृत्व प्रदान करने की अपेक्षा उनकी पार्टी के सीनियर से लेकर जूनियर नेता कर रहे थे। लेकिन, बड़े शाहजादा तो दोपहर में आराम का वक्त बताते हुए छात्र राजद के राजभवन मार्च में भी नहीं गये। वहीं दूसरे शहजादे तो गुमनाम गलियों में ही गुम थे। तुर्रा यह कि जब बड़े भाई तेजप्रताप को उनके समर्थकों ने राजभवन मार्च की हरी झंडी दिखाने के लिए फोन किया तो उन्होंने टका-सा जवाब दिया-पता नहीं तुमको कि ये मेरे सोने का वक्त है। बहरहाल, राजभवन मार्च निकला और शिष्टमंडल ने अपने मांगों की प्रति राजभवन में दे दी।
चमकी पर सीन से गायब रहे लालू—पुत्र
इधर, नेशनल हेडलाइन्स बन रही चमकी बुखार की खबर से हो रही मौतों पर राजद का कोई भी वरिष्ठ नेता मुजपफरपुर नहीं पहुंचा। तेजस्वी से स्वाभाविक रूप से नेताओं को उम्मीद थी कि वे हल्ला बोलेंगे, पर वे गुमनाम ही रहे। जब मीडिया ने उनके बारे में वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह से पूछा तब उन्होंने कह दिया कि वे क्रिकेट विश्व कप देखने गये हैं। बाद में दूसरा बयान दिया कि वे विधानसभा के नेता हैं। वे यहीं परिक्रमा करेंगे। इस बयान को लोगों ने व्यंग्य में लेते हुए कहना शुरू कर दिया कि रधुवंश बाबू ने यह बयान खीझ कर दिया था क्योंकि लोकसभा परिणाम के बाद से ही पाॅलिटिकल सीन से तेजस्वी गायब हो गये थे।
वरिष्ठ नेताओं को नहीं मिलता सम्मान
राजद नेताओं का कहना है कि पार्टी के सीनियर लीडरों में इस बात को लेकर आक्रोश व्याप्त है कि तेजप्रताप और तेजस्वी पार्टी के सभी नेताओं को साथ ले चलने में अक्षम हैं। अक्षमता इस मामले में भी है कि वे किसी नेता से सम्मान से बात भी नहीं करते। यही कारण है कि राजद के प्रदेश प्रमुख रामचन्द्र पूर्वे ने भी उन्हें यही कहा कि तेजस्वी विधानसभा के नेता हैं। तेजस्वी और तेजप्रताप दोनों से कई सीनियर नेताओं की खिचखिच हो चुकी है। इस संबंध में राजद के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेता ने बताया कि दोनों में एटीटयूड का प्रॉव्लम है।