दरभंगा : डीएमसीएच, जिसे उत्तर बिहार का सर्वश्रेष्ठ अस्पताल माना जाता है, वहां चिकित्सा जगत की एक ऐसी भूल सामने आई है जिसने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। यहां इलाज कराने आए दरभंगा के ही एक परिवार ने आरोप लगाया कि डाक्टरों ने उनके बेटे के टूटे हुए बाएं हाथ की जगह, दूसरे यानी दायीं हाथ पर प्लास्टर चढ़ा दिया। इतना ही नहीं, जब परिजनों ने अस्पताल में इसकी शिकायत करनी चाही, तो कोई उनकी परेशानी सुनने को भी तैयार नहीं।
दवा और कॉटन भी बाहर से लाना पड़ा
दरभंगा जिले में हनुमाननगर निवासी यह परिवार अपने 7 वर्ष के बच्चे फैजान का बायां हाथ टूट जाने के बाद डीएमसीएच का रुख किया। अस्पताल में डाक्टरों ने बच्चे के दायें हाथ पर प्लास्टर चढ़ा दिया। बच्चे की मां ने बताया कि प्लास्टर के लिए रुई और दवा भी उन्हें बाजार से खरीद कर लाने के लिए कहा गया। फिर प्लास्टर भी बायें की जगह दायें हाथ पर चढ़ा दिया गया। इस बात शिकायत करने जब पीड़ित परिवार अस्पताल अधीक्षक से मिलना चाहा, तो उन्हें अगले दिन आने को कह दिया गया। अस्पताल अधीक्षक राज रंजन प्रसाद ने उन्हें अगले दिन 11 बजे का समय दिया। मजबूर होकर परिवार को अपने बच्चे के साथ घर वापस लौटना पड़ा। अब परिजनों का कहना है कि क्या करें बच्चा कष्ट में है। हम इंतजार नहीं कर सकते। मजबूरन प्राइवेट में किसी क्लिनिक में बच्चे का फिर से प्लास्टर करने की सोच रहे हैं।
शंकर कुमार लाल