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एएन कॉलेज स्थापना दिवस समारोह में कुलाधिपति ने बिहार की शिक्षा को सराहा, अवैध कब्जे पर सख्त

पटना : कॉलेजों के छात्रावासों में अवैध तरीके से रहने वालों की अब खैर नहीं। बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सह राज्यपाल लालजी टंडन ने सख्ती से छात्रावासों को खाली कराकर, उसे नए छात्रों को आवंटित करने की बात कही है। मंगलवार को वे एएन कॉलेज के 63वें स्थापना दिवस समारोह में कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल के संबोधन से पूर्व कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसपी शाही ने भी अवैध रूप से कॉलेज परिसर में रहने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की बात कही।

कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि अनुग्रह बाबू का जितना बड़ा व्यक्तित्व था, मेरी कामना है कि यह कॉलेज भी उतना ही विशालकाय हो। अनुग्रह बाबू को यादकर उनका सम्मान करना खुद को सम्मानित करने जैसा है। जिस जमाने में मीडिल स्कूल पास करना बड़ी बात मानी जाती थी, उस वक्त अनुग्रह बाबू ने उच्च शिक्षा में मिसाल कायम की थी। अनुग्रह बाबू हमारे धरोहर हैं। स्वतंत्रता के समय सभी बड़े नेताओं का फोकस शिक्षा पर था। गांधी जी की चर्चा करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि वे आजादी के मुकाबले शिक्षा को प्राथमिकता देते थे। राज्यपाल ने कहा कि बिहार को अपना गौरवशाल अतीत हमेशा याद रखना चाहिए कि ज्ञान की ज्योति यहीं से जली थी। सारी दुनिया इसके सामने नतमस्तक है।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसपी शाही के संबोधन के दौरान छात्रों द्वारा हुड़दंग मचाने का संज्ञान लेते हुए कुलधिपति ने नसीहत दी कि कॉलेज पढ़ाई—लिखाई के लिए होता है, हुड़दंग के लिए नहीं। यह हमारे संस्कार में होना चाहिए कि कॉलेज पास करने के बाद छात्रावास खाली कर दें और उसे नए छात्रों को सौंप दें। इसके लिए बल प्रयोग करने की नैबत नहीं आनी चाहिए। पुराने छात्र छात्रावास खाली नहीं करेंगे, तो नए छात्रों को मौका ही नहीं मिलेगा।

समारोह को संबोधित करते हुए भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने अनुग्रह बाबू के अवदानों का स्मरण करते हुए नई शिक्षा नीति पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा सुधार का कार्य एक दिन में नहीं होता। इसके लिए अथक प्रयास करने पड़ते हैं।

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गुलाबचंद्र राम जायसवाल ने छात्रों से आह्वान करते ​हुए कहा कि कोई भी समस्या का हल बातचीत से निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि एएन कॉलेज का फलक इतना विस्तृत है कि यह अपने आप में एक विश्वविद्यालय का स्वरूप लगता है। कुलपति होने के नाते उनकी कोशिश है कि छात्रों का नामांकन से लेकर परिणाम तक ससमय हो। ऐसा कर हम किसी छात्र पर एहसान नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह तो उनका अधिकार है।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसपी शाही ने स्वागत भाषण में एएन कॉलेज की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि उनके लिए गर्व का विषय है कि एएन कॉलेज को बायोटेक्नोलाजी में स्टार कॉलेज का दर्जा हासिल है। विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए एएन कॉलेज का समझौता यूरोपियन यूनियन से हुआ है। कुलाधिपति महोदय की प्रशंसा करते हैं कि उन्होंने एक झटके में सालों से विलंब चल रहे सत्र को नियमित कर दिया। राजभवन में उच्च शिक्षा का ब्लूप्रिंट तैयार हुआ। दृढता के साथ अकादमिक कैलेंडर का पालन हो रहा है। इसके लिए एएन कॉलेज परिवार कुलाधिपति क अभारी है।

इससे पूर्व छात्राओं ने महाविद्यालय गान और स्वागत गान से मुख्य अतिथि का स्वागत किया। प्राचार्य प्रो. एसपी शाही ने राज्यपाल समेत गणमान्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीकचिह्न देकर स्वागत किया। इस अवसर पर कॉलेज द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘अनुग्रह ज्योति’ का विमोचन भी किया गया। मौके पर स्मारिका की संपादक डॉ. रत्ना अमृत, डॉ. पूर्णिमा शेखर उपस्थित थीं। मंच संचालन डॉ. कलानाथ मिश्र ने किया।