पटना : चमकी बुखार यानी एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या 69 तक पहुंच गई है। महामारी का रूप अख्तियार कर चुकी इस बीमारी को लेकर आज राजद ने प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के नेतृत्व में एक टीम मुजफ्फरपुर भेजी। राजद की टीम ने वहां एसकेएमसीएच समेत विभिन्न अस्पतालों का दौरा कर मरीजों के परिजनों से मुलाकात की। श्री पूर्वे ने हालात को बेहद भयावह बताते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार ने यहां के बच्चों और पीड़ित परिवारजनों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जहां कल शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे, जबकि उन्हें वहां बहुत पहले से कैंप करना चाहिए था। श्री पूर्वे ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तो इस मामले में अब तक नींद नहीं टूटी है और उनका अबतक यहां नहीं पहुंचना शर्मनाक है। सीएम को तत्काल मुजफ्फरपुर का दौरा करना चाहिए।
इंसेफलाइटिस से 69 मरे, राजद टीम ने किया दौरा
प्रदेश राजद अध्यक्ष ने कहा कि आनेवाले विधानसभा सत्र में आरजेडी इस बीमारी से गंभीर होते हालात को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाएगा। साथ ही श्री पूर्वे ने यह भी सवाल खड़ा किया कि क्यों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का मुजफ्फरपुर का दौरा तय होने के बाद भी अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। बीमारी से लड़ने के लिए अब तक किये गए सरकारी प्रयासों को अपर्याप्त बताते हुए राजद ने कहा कि यहां के अस्पतालों में आईसीयू और मरीज के लिए बेड की संख्या काफी कम है। अभी तक बीमारी से मौत और पीड़ितों की संख्या को लेकर मीडिया में तो सिर्फ सरकारी आंकड़े ही आए हैं। प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों को भी शामिल कर लिया जाए तो मौतों और पीड़ितों की संख्या कई गुनी बढ़ जाएगी।
केंद्रीय जांच टीम की रिपोर्ट का इंतजार
मालूम हो कि बुधवार और गुरुवार को 7 सदस्यीय केंद्रीय जांच टीम ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया और दो दिनों तक जांच करने के बाद वापस लौटी। अब सबकी निगाहें इस टीम की रिपोर्ट पर लगी हुई है जिससे यह पता चल सके कि कौन से ऐसे कारण हैं जिससे इंसेफेलाइटिस ने इन क्षेत्रों में कोहराम मचा रखा है। राजद टीम ने केंद्रीय दल की रिपोर्ट को शीघ्र सबके सामने लाने और उसपर कार्रवाई की मांग भी की है।