पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर, सितामढ़ी, वैशाली और शिवहर में आज मंगलवार तक एईएस यानी दिमागी बुखार से कुल 60 बच्चों की मौत होने के बाद राज्य सरकार के हाथ—पांव फूल गए हैं। त्राहिमाम संदेश के बाद आज केंद्रीय टीम भी बिहार पहुंची। लेकिन किसी के पास इस बीमारी से छुटकारे का कोई ठोस उपाय नहीं सूझ रहा। पिछले एक हफ्ते में ही 35 बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को फटकार लगाने के बाद राज्य के मुख्य सचिव को एईएस के मामलों पर नजर रखने और इसकी मानिटरिंग करने का आदेश दिया है।
केंद्रीय टीम बिहार पहुंची, आज मुजफ्फरपुर जाएगी
अभी भी अकेले मुजफ्फरपुर में बुखार से पीड़ित 100 से ज्यादा बच्चे एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल के दोनों पीआईसीयू यूनिट भरे हुए हैं, जबकि बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पताल में कल सोमवार को ही 20 बच्चों की जान चली गई। एईएस यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की उम्र चार से पंद्रह साल के बीच है।
बढ़ रही मरीजों की संख्या, कम पड़ रहे ICU
बीमारी का प्रकोप उत्तरी बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और वैशाली में है। मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल में भी मरोजों को भर्ती किया जा रहा है ताकि संख्या बढ़ने पर इलाज मिल सके। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी नें बताया कि बीमार बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से दो नए पीआईसीयू खोले गए हैं। इधर केंद्र से स्वास्थ्य विभाग की सात सदस्यीय टीम पटना पहुंच चुकी है। यह टीम मुजफ्फरपुर जाकर इलाज में स्थानीय डाक्टरों की मदद करेगी।